करीब 3500 करोड़ की इस सिंचाई परियोजना में नौ गांव पूरी तरह तो मोहनपुरा, टांडी, नाईहेड़ा, समेली, बांसखेड़ा, झुमका, मांडाखेड़ा, कोलूखेड़ा, डूंगरपुर, साईपुरियां, बलबीरपुर सहित करीब 40 गांव आंशिक रूप से डूब में आ रहे हैं। डैम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुए लगभग तीन वर्ष का समय हो जाने के बावजूद अब तक सिर्फ शुरुआती नौ गांवों को ही मुआवजा मिल पाया है।