
राजगढ.। जिले के भिलखेड़ी के पास शाम करीब सात बजे दो बाइकों की आपस में भिडंत हो गई। हादसे में एक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई और अन्य घायल हो गए। घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी अनुसार शाम करीब सात बजे के दरमियान भिलखेडी के पास दो बाइकों की आपस में टक्कर हो गई। जिसमे कवरलाल नगर पिता दोलजी उम्र 40 वर्ष की मोके पर मोत हो गई जबकि उनके साथी संजय वर्मा पिता नरायण उम्र 25 वर्ष एवं निवासी उदपुरिया व सामने से आ रहे कमल पिता आत्माराम नागर उम्र 35 वर्ष एवं एक सहयोगी निवासी पिपल्या धाकड़ को गंभीर हालात में 108 की मदद से नरसिंगड़ सिविल अस्पताल भेजा गया जहा से भोपाल रेफर किया गया। वही शव को लेने के लिए बार बार परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद भी पुलिस करीब एक घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची।
इधर, जांच में देरी के लिए कई बहाने
राजगढ़ में कोतवाली द्वारा पकड़े गए दो वाहनों के मामले में पुलिस की भूमिका ही संदिग्ध नजर आती रही है। जिसमें खुद पुलिस के ही जिम्मेदार अधिकारियों को लोगों ने उन वाहनों को चलाते देखा। जिसमें उन्हें 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करनी थी। मामला जब उजागर हुआ तो अधिकारी भी ऐसे मामले गंभीरता से लेते नजर नहीं आ रहे। पहले जांच की शुरूआत में देरी और अब मामला ठंडा कैसे हो। इसमें देरी करने के लिए पुलिस ने जांच तो शुरू कर दी। लेकिन वे उन वाहनों को कौन चला रहा था। कैसे वाहन बस स्टैण्ड तक पहुंचे।
इसके लिए राजगढ़ ब्यावरा के बीच स्थित टोल टैक्स की रिकार्डिंग खंगाली जा रही है। लगातार तीन माह तक की रिकार्डिंग को लेकर पुलिस टोल टैक्स के चक्कर लगा रही है। जबकि यह वाहन सबसे पहले देहात थाने में खड़े देखे गए थे और वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। वहां वाहन कैसे पहुंचे और कौन लेकर आया यह वहां लगे कैमरों में नजर आ जाएगा। लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले की जांच में लेटलतीफी हो रही है। जबकि मीडिया के माध्यम से वाहन कहां-कहां कब-कब खड़े हुए। सभी की सूचना विभाग के आलाधिकारियों को दी जा रही है। इसके पीछे कौन से अधिकारी है। यह भी किसी ने छुपा नहीं है। लेकिन खाकी को बदनाम करने वालों पर वरिष्ठ अधिकारी इतनी मेहरबानी क्यों दिखा रहे है। यह समझ से परे है।
Published on:
21 Nov 2017 02:49 pm
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