बारिश से हुआ नुकसान
वहीं, संतरे के बाद सर्वाधिक नुकसान धनिये की फसल में हुआ है। इसमें खेतों में कटा पड़ा धनिया काला और बादामी पड़ गया। ढंके हुए धनिये में भी नमी बढ़ गई। यही स्थिति गेहूं, सरसों और मसूर की रही। इनमें भी बारिश के पानी के कारण काफी दिक्कत हुई। इस तरह कुल मिलाकर रबी की 70 फीसदी उपज खेतों में है। किसानों का कहना है कि 10 दिन और मौसम साफ रहता तो निश्चित ही यथावत उपज घर पहुंच जाती, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने उन्हें निराश कर दिया है।
दिलाई जाएगी राहत राशि
कलेक्टर के निर्देश के बाद जिलेभर में अधिकारी, राजस्व विभाग, उद्यानिकी, कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में पहुंच गए। वहीं, बीजेपी-कांग्रेस के नेता, वरिष्ठ नेता भी खेतों में नजर आए। उन्होंने अन्नदाता के साथ खेतों में पहुंचकर उनके दर्द को जाना। उनकी परेशानी को समझते हुए आश्वासन दिया कि हर संभव मदद शासन स्तर पर दिलवाई जाएगी। साथ ही जितना नुकसान हुआ है उस हिसाब से राहत राशि दिलवाई जाएगी।
09 से 11 मार्च के दौरान मध्य स्तर की पश्चिमी द्रोणिका के प्रभाव में दक्षिणी मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं बारिश के साथ सामान्य आकाशीय बिजली और वज्र ध्वनि, आंधी की दो डिग्री तक तापमान गिरने के आसार है। एक प्रेरित परिसंचरण उत्तरी गुजरात में निचले स्तरों में विद्यमान है। जिसका असर प्रदेश में देखा जा रहा है। जिले में हल्की हवा, बारिश हो सकती है, फिर धीरे-धीरे मौसम शुष्क होने लगेगा।