
पीएम आवास में राजगढ़ की हालत खराब, सिर्फ 4६ फीसदी ही काम
राजगढ़. प्रधानमंत्री आवास को लेकर भले ही अधिकारी हो या फिर जनप्रतिनिधि लगातार अधिक से अधिक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन कुछ जगह उदासीन अधिकारी और कर्मचारियों के कारण सही परिणाम नहीं आ पा रहे हैं। यही कारण है कि राजगढ़ जिले की स्थिति बड़ी ही दयनीय है। प्रदेश के समस्त जिलों में राजगढ़ जिले का स्थान 42वें पर है और यदि आवास की प्रोग्रेस की बात की जाए तो यह सिर्फ 4६ प्रतिशत ही नजर आ रही है। यही कारण है कि शुक्रवार को भोपाल कमिश्नर माल ङ्क्षसह भयडिया की ओर से ली गई बैठक के बाद न सिर्फ प्रोग्रेस बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया, बल्कि कार्य प्रगति लाने को लेकर जमकर फटकार भी लगाई।
उल्लेखनीय है कि कमिश्नर की ओर से नगरी क्षेत्र में बनाई जा रहे प्रधानमंत्री आवास को लेकर लगातार निर्देशित किया जा रहा है। वहीं यदि कलेक्टर हर्ष दीक्षित की बात करें तो वह भी इस योजना को लेकर काफी गंभीर हैं और जगह-जगह कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने की पहुंच रहे हैं। संबंधित नगर पालिका के कार्यपालन यंत्री को निर्देशित भी करते हैं, लेकिन अभी भी काम में ज्यादा तेजी ना होने के कारण कमिश्नर ने जब बैठक ली तो अन्य जिलों की तुलना में राजगढ़ सीहोर और विदिशा तीनों जिले इस सूची में काफी पीछे हैं। यही कारण है कि चाहे अन्य जिलों की बात हो या फिर राजगढ़ की सभी 14 नगरीय निकायों कि संबंधित सीएमओ को फटकार लगाई गई है।
607 आवास निरस्त
जिले के 14 निकायों की यदि बात की जाए तो 607 हितग्राही ऐसे हैं, जिन्होंने आवास स्वीकृत होने के बाद भी इन्हें कंप्लीट नहीं किया। लगातार नोटिस के बाद इन आवाज को निरस्त कर दिया गया। इस सूची में सबसे ज्यादा आवास ब्यावरा में निरस्त किए गए हैं, जिनकी संख्या 250 है। वहीं सारंगपुर में 58 और राजगढ़ में भी 100 है।
भोपाल संभाग की स्थिति
समीक्षा के दौरान बताया गया कि राज्य स्तरीय रैंङ्क्षकग में राजगढ़ 42, विदिशा 41 और सीहोर 37 पोजीशन पर है। सभी जिलों को इस संबंध में पत्र लिखने के निर्देश भी दिए हैं। संभाग में बीएलसी श्रेणी के 69 हजार में से 42 हजार हितग्राहियों को मकान बनाए जा रहे हैं। इस श्रेणी में खुद की जमीन पर मकान बनाने के लिए 2 लाख 50 हजार की राशि तीन किश्तों में शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान में आवासहीन हितग्राहियों को जिनकी इनकम 3 लाख से कम है उसमें बहुमंजिला में फ्लैट उपलब्ध कराया जाता है। इसमें हितग्राहियों को 2 लाख की राशि का अंशदान करना होता है। 3 लाख की राशि शासन स्तर से अनुदान के रूप में दिलाई जाती है।
जिन जिलों की प्रोग्रेस कम है, उनको निर्देशित किया गया है कि अच्छा काम करने के साथ ही काम में तेजी लाएं।
-मालङ्क्षसह भयडिया, कमिश्नर भोपाल
Published on:
29 Jan 2023 05:08 pm
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