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PM Awas: सामने आई ‘पीएम आवास योजना’ की हकीकत, कम कर दी गई राशि !

PM Awas Yojana: अब शौचालय की राशि ही शासन स्तर पर कम कर दी गई और हितग्राही के नाम 40-40 हजार रुपए की तीन किश्तें ही जारी की जाती हैं।

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PM Awas Yojana: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी, बिना जमीन वालों का भी खड़ा कर दिया मकान, कई को दुबारा मिल गया मकान

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी (Photo Patrika)

Mp news:एमपी के राजगढ़ जिले (ब्यावरा) के गांवों में प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाली सहायता राशि अब शासन स्तर पर कम कर दी गई है। यानी एक हितग्राही को मिलनने वाले डेढ़ लाख की जगह अब राशि एक लाख 20 हजार तक ही सिमट कर रह गई है। दरअसल, पहले 40 हजार रुपए कीमत की तीन किश्तें मिलती थीं, 12 हजार रुपए शौचालय के नाम पर मिलते थे और लगभग 18 हजार रुपए मजदूरी के नाम पर और कुल डेढ़ लाख रुपए मिलते थे। अब नियम बदला है।

कम कर दी गई राशि

अब शौचालय की राशि ही शासन स्तर पर कम कर दी गई और हितग्राही के नाम 40-40 हजार रुपए की तीन किश्तें ही जारी की जाती हैं। बाकि 90 दिन की मजदूरी संबंधित हितग्राही को मजदूरी के नाम पर मिलती है। हालांकि मनरेगा अभी बंद है, न कोई हितग्राही मजदूरी कर के यह राशि लाता है।

ऐसे में लगभग 22 हजार रुपए इसके मिलते हैं लेकिन बिना मजदूरी के ही कहीं स्वीकृत हो जाते हैं और कहीं अटक जाते हैं। कुल मिलाकर जिन हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हो रहे हैं वे बिना शौचालय के ही निर्माण कर रहे हैं। इसे लेकर विभागीय तर्क है कि इसकी राशि शासन स्तर पर ही कम हुई है। रही बात मजदूरी की राशि की तो वह मनरेगा के तहत काम करने पर ही मिल रही है।

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खुले में शौच मजबूरी

पहले हितग्राहियों को मिलने वाली राशि 12 हजार रु. में भी शौचालय तैयार नहीं हो पाते थे। इसीलिए अतिरिक्त खर्च कर कई लोग बना लेते थे और अधिकतर इससे छूट जाते थे। अब जो शौचालय पहले चरण में बने हैं वे उपयोग लायक ही नहीं रहे। यानी जिन ग्राम पंचायतों या गांवों को 100 फीसदी ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) कर दिया था वहां फिर से शौचालयों की उपयोगिता कम हुई है। लोग खुले में शौच जाने लगे हैं। वहीं, जरूरतमंद परिवार जिन्हें नए आवास मिल रहे हैं वे खुद के लिए आवास ही नहीं बना पा रहे हैं। जिससे बिना शौचालय के फिर से खुले में शौच करना उनकी मजबूरी है।

किस्त की समस्या का निराकरण करेंगे

शौचालय की राशि अब नहीं आती है, बाकि मजदूरी की राशि मनरेगा के माध्यम से जारी कर दी जाती है। दूसरी, तीसरी किस्त के लिए परेशान हितग्राहियों की समस्या का जल्द निराकरण किया जाएगा। -राज कुमार मंडल, सीईओ, जनपद पंचायत, ब्यावरा

किस्त मिलने में भी दिक्कत

आवास की किस्तों को लेकर भी शहरी और ग्रामीण हितग्राही खासे परेशान हैं। कई मकान तैयार होने के बावजूद दूसरी और तीसरी किस्त जारी नहीं हो रही है। जिससे संबंधित हितग्राही मकान बना ही नहीं पा रहे। कइयों ने किराए का मकान लेकर आवास का काम शुरू किया लेकिन उनका काम पूरा ही नहीं हो पा रहा है। इसीलिए उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

शासन स्तर पर कभी बजट की कमी का तर्क दे दिया जाता है और कभी अन्य दिक्कतें बताकर राशि अटका दी जाती है, जिससे कई हितग्राही परेशान होते हैं। हालांकि शासन स्तर पर और लक्ष्य अधिक से अधिक आवास बनाने का रखा है, जिसका सर्वे भी हुआ है। आवास प्लस एप के माध्यम से भी पंजीयन हुए। अब उसकी विधिवत सूची जारी होना शेष है।