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हड़ताल के ताले में सिस्टम बंद

कर्मचारियों का गुस्सा शांत होने जगह बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण परेशानी लोगों को हो रही है।

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कर्मचारियों का गुस्सा शांत होने जगह बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण परेशानी लोगों को हो रही है।

हड़ताल के ताले में सिस्टम बंद

राजगढ़. जिले के 5583 से ज्यादा कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर हैं। जिसके कारण सरकारी व्यवस्थाएं ठप पड़ी हैं। हजारों लोग तकलीफ में हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों की सेहत पर हड़ताल का असर है। कहीं कई दिनों से बिजली के दर्शन नहीं हुए तो कहीं स्वास्थ्य की जांच तक बंद पड़ी है। आंगनबाड़ी बंद होने से गरीब बच्चों का पोषण आहार बंद हो गया। पंचायतों में भी ताले लटक रहे हैं। लोगों को हो रही इस तकलीफ के जिम्मेदार सरकार और उनके अफसर हैं, क्योंकि 5583 कर्मचारियों की मांगें पूरी करने इन्होंने कई बार आश्वासन दिया लेकिन पूरी नहीं की। जिसके कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता गया और अब पूरी तरह काम बंद कर ताला लगाकर हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों का गुस्सा शांत होने जगह बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण परेशानी लोगों को हो रही है।

ताला लगा कार्यालय के बाहर बैठे सदस्य
मानदेय बढ़ाने के साथ ही पंचायत अधिनियम के अधिकारों को बढ़ाने जिले के १५० से ज्यादा जनपद सदस्य धरने पर बैठे। उनकी मांग है कि सरपंच को अपने क्षेत्र में कार्य कराने का जो अधिकार है। उसी तरह उन्हें भी अधिकार मिलना चाहिए। सालाना राशि में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। राजगढ़ जनपद कार्यालय के गेट के सामने ही जनपद सदस्यों ने धरना दिया और मुख्य द्वार पर तालाबंदी की।

हम नहीं चाहते बच्चे परेशान हों, लेकिन सरकार हमारी परेशानी भी देखने को तैयार नहीं
गांव से शहर तक हर वार्ड, मोहल्लों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक रहे हैं। बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न तरह की सुविधाएं बंद हो गई। ना तो अब उन्हें पोषण आहार मिल रहा है और न ही केंद्र खोल रहे हैं। अगले 5 दिन तक केंद्रों की हालत ऐसी ही रहेगी। क्योंकि जिले की ४४४९ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं। सोमवार को हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका राजगढ़ पहुंचे और पूरा परिसर उनसे भर गया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह नहीं चाहती कि किसी बच्चे का बुरा हो। लेकिन सरकार लगातार उनके साथ बुरा कर रही है। वेतन वृद्धि नियमितीकरण तो दे नहीं रहे। उल्टा दूसरे विभागों के कार्य भी हमारे माध्यम से पूरे किए जाते हैं। नियमितीकरण का आश्वासन मिलता है। लेकिन यह पूरा नहीं हुआ। यदि वेतन की बात करें तो जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है यह वेतन बच्चों की फीस भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।

8 दिन से 25 गांवों में बिजली गुल, प्रदर्शन
चाटूखेडा. चाटूखेडा, लटूरी, कालीतलाई रोज्या, लाखिया, पाटन, लसुलडी, मुरारिया, खानपुरा, नरी, जसापुर सहित 25 गांवों के किसानों को ङ्क्षसचाई के लिए बिजली नहीं दी जा रही है। पिछले 8 दिन बिजली बंद है। मामले को सैकड़ों किसानों ने चाटूखेडा ग्रिड का घेराव किया और धरने पर बैठ गए। किसानों की मांग है कि हमें बिजली नहीं दी तो उग्र आंदोलन करेंगे। तहसीलदार ने आश्वासन तब जाकर धरने से किसान उठे। इधर कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि हड़ताल के कारण विधुत सप्लाई बंद है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दो संगठन है। एक संगठन हड़ताल कर रहा है। लगभग 1400 केंद्र हमारे खुले हुए थे। लेकिन यह भी सही है की शेष बंद थे उनको लेकर हम अपने स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं।
सुनीता यादव, डीपीओ राजगढ़