
सूर्यवंशी तालाब में पाईप डालकर खेतो में दिया जा रहा पानी
राजगढ़। वन्य प्राणियो की प्यास बुझाने के लिए वनविभाग द्वारा बनाया गए सूर्यवंशी तालाब तेजी से सूखने की कगार पर है। विभागीय कर्मचारियों की अनदेखी के कारण तालाब के पानी का तेजी से दोहन किया जा रहा है। यदि इस पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो गर्मियो की शुरूआत में ही क्षेत्र में बहुतायत से रहने वाले वन्य प्राणियों को प्यास बुझाने तक के लिए पानी नहीं मिलेगा।
दरअसल प्रतिबंध के बावजूद इस तालाब का पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा है। खास बात यह है कि तालाब से रोजना बड़ी मात्रा में पानी का दोहन देखने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मूक दर्शक बने हुए है। फि लहाल तालाब में मोटर, पाईप डले हुए है जिनकी जानकारी होने के बावजूद वन अमले द्वारा कार्रवाई नही होना सीधे-सीधे सॉठ-गॉठ को उजागर कर रहा है। जानकारी के अनुसार हर साल इसी तरह का मामला सामने आता है लेकिन विभाग की चुप्पी मामले में कई सवाल खड़े करती है।
खरीदे गए पानी से होती है जलापूर्ति -
एक तरफ जहां वन विभाग स्वयं के तालाब का पानी खेतो में छोड़ रहा है। वही दूसरी तरफ गर्मी के दिनों में खरीदे गए पानी से अभयारण्य और आसपास क्षेत्रो में जलापूर्ति की जाती है। लाखो रूपए वन क्षेत्र में पानी की पूर्ति पर खर्च किए जाते है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार वन विभाग अपने ही जल संसाधनो की सुरक्षित क्यो नहीं कर पा रहा है।
लंबे समय से वन विभाग में यह खेल चल रहा है जिसक ी उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदारो पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाना चाहिए। इसी सूर्यवंशी तालाब में ग्रामीण सिंगाड़े की खेती भी करते नजर आते है जबकि वन क्षेत्र के इस तालाब का उपयोग केवल वन्य प्राणियो के जलस्त्रोत के रूप में किए जाने का नियम है।
जमकर चल रहा खनन -
वन्य प्राणीयो का पानी छोड़े जाने के अलावा भी वन क्षेत्र की भूमि पर वन माफियाओं की गतिविधि सक्रिय है। वन्य क्षेत्र में पेड़ो की अवैध कटाई से लेकर खनन के मामले भी सामने आ रहे है। शुक्रवार को भी हाजी वली दरगाह के समीप वन भूमि पर मुरम का अवैध खनन किया जा रहा था।
इसके अलावा वन क्षेत्र में अवैध कटाई के मामले भी सामने आ रहे है। कुछ दिन पूर्व वन्य अभयारण्य से सटे चैनपुरा गांव के रोहिणी नाले और नादिया पानी वन क्षेत्र भी पेडो की अवैध ़ कटाई के मामले सामने आ चुके है। जिसकी जानकारी जगजाहिर होने के बावजूद विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नजर नहीं आई।
यदि वन क्षेत्र का तालाब है तो इस प्रकार पानी नही दिया जा सकता। जल्द ही मामले को दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी। अवैध खनन के मामले की भी जांच करवाऐंगे।
- एचएस मांझी, डीएफ ओ राजगढ़
Published on:
08 Feb 2020 10:52 pm
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