
बड़ी समितियों ने किया तौबा, घर-घर विराजेंगे बप्पा, डोंगरगांव में 11 दिन तक मिट्टी की होगी पूजा ...
राजनांदगांव/डोंगरगांव. प्रथम पूज्य देवता के रूप में माने जाने वाले भगवान गणेशोत्सव आज से प्रारंभ होगा। कोरोना संक्रमण के चलते पर्व को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के चलते पिछले समय की अपेक्षा इस साल पर्व का उत्साह व भव्यता फीकी रहेगी। हालांकि बप्पा के भक्त अपने भगवान को घर-घर बिठाकर पूजा-अर्चना करने की तैयारी में हैं। कोरोना के चलते पूरे छत्तीसगढ़ में आवश्यक कामकाज बंद होने के बाद अनेक दिक्कतों का सामना कर रहे लोग गणेश पर्व को शांति पर्व की तरह 11 दिन तक सिर्फ पूजा-पाठ से ही मनाएंगे।
कोरोना के चलते इस साल जहां मूर्ति से लेकर पंडाल की साइज निर्धारित कर दी गई है। बैंड बाजा से लेकर डीजे व अन्य किसी भी प्रकार के साउंड सिस्टम को बजाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा पर्व को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके चलते शहर से लेकर अंचल की बड़ी समितियों ने गणेश बिठाने से तौबा कर लिया है। इस वजह से इस साल मूर्तिकारों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन ने नियम तय किया
मूर्तिकारों ने बताया है कि मूर्ति विक्रय करने में भी प्रशासन ने नियम तय कर दिया है। इस कारण मूर्ति की आर्डर कम हो गई है। सजावट रंग-रोहन व अन्य सामान की भी रेट में बढ़ोतरी हो जाने के कारण मूर्तिकारों को मेहनत के पैसे भी वसूल नहीं हो पाएगी।
डोंगरगांव में नन्हें बच्चों ने की पहल
डोंगरगांव नगर पंचायत क्षेत्र के मटिया वार्ड में नवयुवक जयप्रकाश साहू, युवराज साहू, जीतू, भुरू व अन्य साथियों ने मिलकर इस बार मिट्टी के गणेश बनाकर 11 दिन तक गणेश पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। लोग इन बच्चों की तारीफ कर इनकी सोच की प्रशंसा कर रहे हैं।
Published on:
22 Aug 2020 09:08 am
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