
CG Farmer: आधुनिक दौर में खेती करने के नए-नए तरीके निजात किए जा रहे हैं। नई तकनीक से हो रही खेती से फसलों की पैदावारी बढ़ रही है और किसान समृद्ध हो रहे हैं। वहीं जल संकट के बीच कम पानी व कम लागत में जिले के किसान अब खेती के पुराने पद्धति को छोड़ नए आधुनिक तरीके से खेती कर रहे हैं। पहले के दौर में किसान धान की पैदावारी करने में अधिक विश्वास रखते थे। अब दौर बदल रहा है और किसान दलहन, तिलहन के अलावा सोयाबीन व सरसों की आधुनिक तरीके से खेती कर रहे हैं। जिले के किसान सीड ड्रील तकनीक से सोयाबीन व सरसों की उन्नत खेती कर लखपति बन रहे हैं।
पुराने पद्धति से किसान सोयाबीन का खेती कर प्रति हेक्टेयर 10 से 12 क्विंटल की पैदावारी करते थे। अब नए तकनीक सीड ड्रील से कतार बोनी कर प्रति हेक्टेयर 18 से 19 क्विंटल पैदावारी कर उतने ही लागत में अधिक कमाई कर रहे हैं। नई तकनीक सीट ड्रील पद्धति से सोयाबीन की खेती कर रहे राजनांदगांव ब्लॉक के मासूल गांव निवासी किसान कमलेश वर्मा ने बताया कि वह 20 वर्षों से खेती करते आ रहे हैं। वह रबी सीजन में धान, चना, सोयाबीन और गेंहू की पुराने पद्धति से खेती करते आ रहे थे। नई तकनीक सीड ड्रील से कतार बोनी कर सोयाबीन की पैदावारी किए थे।
रबी सीजन हो या खरीफ धान की खेती करने के लिए 140 से 150 सेमी मीटर पानी की जरूरत पड़ती है। वहीं रबी सीजन में गर्मी के दौर में पानी की विकराल समस्या सामने आ रही है। भूजल के नीचे जाने से बोर सूखने के कगार पर पहुंच जाते हैं। सोयाबीन के लिए 40 सेमी और सरसो के लिए 435 सेमी पानी की जरूरत है।
किसान कमलेश वर्मा ने बताया कि सीड ड्रील पद्धति से सोयाबीन के बीज को 6 से 7 लाइन के कतार में बोनी किया। प्रति पौधे 125 से 140 फलियां निकली और प्रति हेक्टेयर 18 से 19 क्विंटल की पैदावारी हुई। इस साल 4 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोनी की। प्रति हेक्टेयर 36 हजार 600 की कमाई हुई है।
कृषि विभाग के उप संचालक एसएन पांडेय ने बताया कि वर्तमान समय में पानी की विकराल समस्या सामने आ रही है। रबी सीजन में किसानों को दलहन,तिलहन के अलावा सोयाबीन,सरसों की आधुनिक खेती करने प्रोत्साहित किया जा रहा है। कतार बोनी से किसान उन्नत होने लगे हैं।
जंगलेसर के किसान प्रसन्न कुमार सागरमल ने इस साल उसने रबी सीजन में सीड ट्रील तकनीक से कतार बोनी के तहत 3 हेक्टेयर में सरसों की खेती की। नई तकनीक से उसने प्रति हेक्टेयर 7 से 8 क्विंटल सरसों की पैदावारी कर अधिक मुनाफा कमाया है। 3 हेक्टेयर में उसे लागत 30 हजार की आई है। सरसों की इस फसल से उसे करीब डेढ़ लाख की आमदनी हुई।
Updated on:
14 Apr 2025 05:39 pm
Published on:
14 Apr 2025 05:38 pm
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