CG Kisan News: कृषि क्षेत्र में अब डिजिटल क्रांति लाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए किसानों की डिजिटल यूनिक आईडी बनाई जा रही है। इसके साथ कृषि भूमि को आधार से लिंक किया जाएगा। आईडी बनने के बाद किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। महासमुंद जिले को एक लाख 37 हजार आईडी बनाने का टारगेट मिला है। एक माह में 35 हजार आईडी बनाई जा चुकी है।
दरअसल, एग्री स्टेक परियोजना के तहत किसानों की डिजिटल फार्मर आईडी (किसान कार्ड) बनाई जा रही है। आईडी के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान समान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक अनुदान, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और कृषि यंत्र अनुदान जैसी योजनाओं का लाभ आईडी के माध्यम से दिया जाएगा। लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से किसानों की आईडी बनाई जा रही है।
फार्मर आईडी बनवाने के लिए कृषि भूमि का बी-1, खसरा, ऋण पुस्तिका और आधार से लिंक मोबाइल नंबर (जिस पर आधार सत्यापन व ओटीपी प्राप्त होती है) की आवश्यकता होगी। इस योजना के तहत किसानों को आधार से जुड़ी 11 अंकों की एक यूनिक किसान आईडी प्रदान की जा रही है। इससे वे डिजिटल रूप से अपनी पहचान को प्रमाणित कर सकेंगे। यह पहल किसानों को सरकारी योजना का लाभ लेने में सहायक होगी।
कृषि क्षेत्र में किसानों के कार्य भी आईडी के माध्यम से ऑनलाइन हो सकेंगे। सरकार की इस नई पहल से किसानों को बिना रुकावट काफी मदद मिलने वाली है। फार्मर आईडी बनने के बाद किसानों को बार-बार ई-केवायसी कराने की आवश्यकता नहीं होगी। कृषि विभाग के उपसंचालक एफआर कश्यप ने बताया कि आईडी बनना प्रारंभ हो गया है। एक लाख 37 हजार आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
जिले में अभी भी तीन हजार से अधिक किसान हैं। जिनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई है। पीएम किसान समान निधि योजना के तहत ई-केवाईसी होने वाले किसानों के खातों में ही राशि आती है। किसानों के पास मार्च महीने का समय है। किसान ई-केवाईसी करा सकते हैं। नहीं तो योजना के तहत राशि आने में दिक्कत आ सकती है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए ई-केवायसी को अनिवार्य कर दिया गया है।
CG Kisan News: किसान आईडी के माध्यम से किसानों का केंद्रीकृत डेटाबेस बनेगा। इसके तहत कृषि क्षेत्र में बेहतर नीतियों का निर्माण किया जा सकेगा। किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त हो सकेगा। सूखा व आपदा के समय सरकार को सटीक डाटा मिल सकेगा।
Updated on:
02 Mar 2025 03:00 pm
Published on:
02 Mar 2025 02:59 pm