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सहकारी बैंक में फूटा कोरोना बम, मैनेजर के बाद अब दो कर्मचारी भी हुए संक्रमित, किसानों में दहशत …

इधर प्रायमरी कांटेक्ट तैयार करने में छूट रहा है पसीना उधर प्रशासन ने कहा संभावित शीघ्र जांच कराएं

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Corona bomb exploded in co-operative bank, now two employees also infected after manager, farmers panic

सहकारी बैंक में फूटा कोरोना बम, मैनेजर के बाद अब दो कर्मचारी भी हुए संक्रमित, किसानों में दहशत ...

डोंगरगांव. कोरोना संक्रमण को लेकर खबरों के माध्यम से पहले ही स्थानीय प्रशासन को सचेत किया गया था और गुरूवार को मिली जानकारी के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के स्थानीय शाखा के मैनेजर पूर्व में ही संक्रमित हो गए थे। वहीं अब बैंक के दो सहकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाये गए हैं।

बता दें कि पूर्व में प्रबंधक के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आने के बाद उनके प्राथमिक संपर्क में आए बैंक के 10 कर्मचारियों का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया था, जिसमें आठ की निगेटिव रिपोर्ट मिली थी और 2 बैंक कर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ज्ञात हो कि बैंक मैनेजर के पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी इस बैंक का संचालन अनवरत जारी था, जिसमें सोमवार से बुधवार तक सैकड़ों की संख्या में कृषक व ग्रामीण लेनदेन के लिए बैंक पहुंचे थे, वे भी अब भय में आ गए हैं और शीघ्र ही सभी की पहचान कर कोरोना सैपल लिया जाना चाहिए। जबकि स्थानीय स्तर पर अब तक इस पर कोई पहल नहीं किया गया है।

सार्वजनिक स्थलों को बंद करवाया गया

अनेक ग्रामों के किसान व उपभोक्ता इस बैंक में कर चुके हैं, अब बैंक प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते कयुनिटी स्प्रेड की संभावना बढ़ गयी है। देर शाम तक बैंक परिसर के क्षेत्र को न तो कोई सीलिंग की कार्यवाही की गई है और न ही सार्वजनिक स्थलों को बंद करवाया गया है। बैंक के समीपस्थ ही हॉटल सहित अन्य व्यावसायिक स्थल रोजाना की तरह प्रारंभ थे जबकि कार्यालयों में भी सामान्य आवाजाही बनी रही तथा कामकाज निर्बाध रूप से जारी रहा।

इधर परेशान होते रहे किसान

बुधवार देर शाम दो अन्य बैंक कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद गुरूवार को बैंक को आगामी आदेश तक सील कर दिया गया है, लेकिन जानकारी के अभाव में गुरूवार सुबह से ही किसान व ग्रामीणजनों सहित अन्य ग्राहकों के आने का सिलसिला जारी था। बैंक के लटके ताले ने ग्राहकों को बैरंग लौटने पर विवश कर दिया। इस संदर्भ में ग्राम केशला, घुपसाल, आरी, कोनारी सहित अन्य ग्रामों के कृषकों ने बताया कि वे सभी कृषि कार्य व तीज त्यौहार को ध्यान में रख जमा राशि आहरित करने आए थे, परन्तु बैंक बंद होने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। ग्राहकों ने बताया कि बैंक अथवा प्रशासन द्वारा पूर्व में सूचित कर देते तो इतना भटकना नहीं पड़ता।

बैंक में फूटा कोरोना बम किसानों में दहशत

कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने के बाद भी बैंक मैनेजर ऑन ड्यूटी थे। इस दौरान उन्होंने कोरोना से संबंधित जांच भी कराई थी। वहीं बीते 17 अगस्त को बैंक के शेष अन्य कर्मियों के कोविड-19 के जांच के लिए सैंपल भेजा गया था। उसके बावजूद भी सभी बैंक कर्मी बैंक में अपनी सेवाएं देते रहे तथा बैंकिंग गतिविधियां सामन्य रूप से संचालित थी। वहीं गुरूवार को बैंक में जड़े ताले की जानकारी ग्राहकों विशेष तौर से कृषकों और ग्रामीणों को मिलते ही ग्राहकों में दहशत का वातावरण निर्मित हो गया है। गुरूवार को बैंक पहुंचे ग्राहकों ने बताया कि बैंक कर्मियों की रिपोर्ट आने तक उन्हे आईसोलेट कर बैंक में वैकल्पिक व्यवस्था किया जाना था, परन्तु बैंक प्रशासन उक्त कर्मियों की सेवाएं जारी रखी। इस दौरान पांच सौ से अधिक ग्राहकों की आवाजाही की खबर है।

अपनी जांच अवश्य करवाएं

डोंगरगांव एसडीएम वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि बैंक के संक्रमित कर्मचारियों के प्रत्यक्ष संपर्क में आए ग्राहकों को तुरंत सूचीबद्ध करना कठिन कार्य है। इन दिनों जो ग्राहक बैंक पहुंचे थे और जो बैंककर्मियों के प्रत्यक्ष संपर्क में आये थे, वे सभी ग्राहक स्वयं को आईसोलेट कर सभी की सुरक्षा को देखते हुए निकटतम केन्द्रों में संपर्क कर अपनी जांच अवश्य करवाएं।

सूची बनाने का प्रयास जारी है

डोंगरगांव बीएमओ डॉ. रागिनी चंद्रे ने कहा कि संक्रमित बैंक कर्मचारी राजनांदगांव के निवासी थे उन्हें गुरूवार सुबह उनके घरों से ही उपचार के लिए कोविड अस्पताल ले गए थे इसके चलते प्राथमिक संपर्क में आए अन्य सभी की सूची नहीं बनाई जा सकी है और इसका प्रयास जारी है।


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