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कोरोना वायरस : हर जगह अलर्ट की स्थिति, मेडिकल कालेज अस्पताल बेपरवाह …

अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी पर्याप्त मास्क, सेनिटाईजर की व्यवस्था नहीं

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Corona virus: Alert status everywhere, medical college hospital regardless ...

कोरोना वायरस : हर जगह अलर्ट की स्थिति, मेडिकल कालेज अस्पताल बेपरवाह ...

राजनांदगांव. पूरे विश्वभर में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट की स्थिति है और छत्तीसगढ़ में भी स्कूल, कॉलेज सहित विभिन्न संस्थाओं को एहतियातन बंद कर दिया गया है लेकिन जिला मुख्यालय से मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में इस बीमारी को लेकर किसी तरह की सतर्कता नजर नहीं आ रही है। साफ-सफाई की कमी और अस्पताल मेें बदबू की स्थिति अब भी ज्यों की त्यों है। मेडिकल कालेज अस्पताल की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में मास्क और सेनिटाईजर की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ में सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है लेकिन मेडिकल कालेज अस्पताल में इस बीमारी से निपटने के उपाय नजर नहीं आ रहे हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर शासकीय अस्पतालों में आवश्यक किट, आइसोलेशन वार्ड, वेंटीलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था किए जाने के दावे जरूर किए जा रहे हैं लेकिन वास्तविक स्थिति इसके विपरित है। कई स्वास्थ्यकर्मी बगैर मास्क के काम कर रहे हैं।

सरकार अलर्ट, अस्पताल बेफिक्र

छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर स्कूल, कालेज, जिम, वाटर पार्क सहित सार्वजनिक स्थानों पर पाबंदी लगा दी गई है और सरकारी आयोजन भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिए गए हैं। कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट की स्थिति में है लेकिन राजनांदगांव के मेडिकल कालेज अस्पताल को इस स्थिति से कोई मतलब नहीं जान पड़ रहा है। आलम यह है कि पूरे अस्पताल में बदबू फैली हुई है और अस्पताल में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से मास्क, सेनिटाईजर या हैंडवॉश की पर्याप्त सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।

विवि व कालेज भी बंद, परीक्षाएं स्थगित

नोवल कोरोना वायरस से प्रदेशवासियों को सुरक्षित रखने की कड़ी में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को 31 मार्च तक के लिए बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जारी आदेश में परीक्षा संचालन के लिए सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को नियमित रूप से उपस्थित होने को कहा गया है। केवल कक्षाओं का संचालन स्थगित रखने कहा गया है। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्नातक भाग-एक एवं भाग-दो व स्नातकोत्तर भाग-एक तथा सेमेस्टर पद्धति में सेमेस्टर एक, दो एवं तीन की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई है। केवल स्नातक अंतिम वर्ष व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं यथावत आयोजित होगी।

वर्कशॉप, सेमीनार, संगोष्ठी भी रद्द

विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को अन्य राज्यों एवं देश के बाहर आयोजित होने वाले वर्कशॉप, सेमीनार, शोध संगोष्ठी, सम्मेलन और प्रशिक्षण आदि में भाग लेने के लिए पूर्व में जारी अनुमतियों को भी निरस्त कर दिया गया है। साथ ही आगामी आदेश तक राज्य के बाहर एवं विदेश प्रवास पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य में स्थित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी वर्कशॉप, सेमीनार, शोध संगोष्ठी आदि का आयोजन स्थगित रखने कहा गया है।

दिव्यांग शिक्षण संस्थाएं और बहुसेवा केन्द्र रहेंगे बंद

केन्द्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के तारतम्य में राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सभी शासकीय, मान्यता तथा अनुदान प्राप्त स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित दिव्यांग महाविद्यालय, विशेष महाविद्यालय, आश्रय दत्त कर्मशाला तथा बहुसेवा केन्द्र तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक बंद रहेंगे। संस्थाओं में 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं पूर्व निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार संचालित होंगी। वृद्धाश्रमों, हाफ वे होम, बाल गृहों, घरौंदा, प्रमाशक गृह, नशामुक्ति केन्द्रों में निवासरत ऐसे हितग्राही जिनके पालक उनको अपने साथ घर ले जाने में असमर्थ हैं, वो संचालित रहेंगे।

स्कूलों में छुट्टी, शिक्षा विभाग ने की निगरानी

राज्य सरकार के आदेश के तहत जिलेभर के शासकीय और निजी स्कूलों में आज से 31 मार्च तक छुट्टी कर दी गई है। आदेश परिपालन को लेकर जिला शिक्षा विभाग ने कुछ निजी स्कूलों में टीम भेजकर जांच भी की। जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय ने बताया कि कुछ स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों को बुलाए जाने की शिकायत मिली थी, इस आधार पर टीम भेजकर जांच की गई। सभी जगह छुट्टी कर दी गई है।

अवकाश अवधि का मानदेय मिले

युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव निखिल द्विवेदी ने प्रशासन और सभी स्कूलों व महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति से मांग की है कि 31 मार्च तक अवकाश की अवधि का मानदेय संविदा व अतिथि शिक्षकों सहित कर्मचारियों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकांश कर्मचारियों का परिवार उनके मानदेय के भरोसे चलता है ऐसे में इस अवकाश की अवधि का मानदेय न काटकर उन्हें राहत मिलनी चाहिए।