ज्यादातर दुर्घटना तेज रफ्तार व नशे की हालत में वाहन चलाने के अलावा वाहन चालकों के द्वारा हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हो रही है। सड़कों की गुणवत्ताहीन व जर्जर होने के अलावा अंधे मोड़ों में संकेतक के नहीं होना भी है। जिले की अधिकांश सड़कों की हालत बहुत ही खराब है। सड़कें उबड़-खाबड़ होने के अलावा बड़े-बड़े गड्ढे हैं
राजनांदगांव जिले में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जो सामने आ रहा है। इसमें वाहनों की रफ्तार पर लगाम नहीं लगाने के अलावा शराब पीकर नशे की हालत में वाहन चलाना है। यातायात विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में हर माह सड़क दुर्घटना में 27 से 28 लोगों की जान जा रही है। इससे औसतन रोजाना एक की मौत हो रही है।
1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक 288 की मौत
जिले में सड़क दुर्घटनाएं थम नहीं रहीं हैं। सड़क दुर्घटना में हर माह 27 राहगीरों की जान जा रही है। जनवरी से नवम्बर 2022 तक 679 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। जिसमें 288 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 663 लोग घायल हो चुके हैं। यानि हर माह 27 राहगीरों की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है। इसमें ज्यादातर दुर्घटना तेज रफ्तार व नशे की हालत में वाहन चलाने के अलावा वाहन चालकों के द्वारा हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हो रही है। वहीं पिछले साल 2021 में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 826 था जिसमें 341 लोगों की मौत हुई थी और 853 लोग घायल हुए थे।
वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने के प्रमुख कारणों में जिले की सड़कों की गुणवत्ताहीन व जर्जर होने के अलावा अंधे मोड़ों में संकेतक के नहीं होना भी है। जिले की अधिकांश सड़कों की हालत बहुत ही खराब है। सड़कें उबड़-खाबड़ होने के अलावा बड़े-बड़े गड्ढे हैं। बाइक चालक इन गड्ढ़ों व उबड़-खाबड़ सड़कों में गिरकर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गवां रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओें में मौत होने के अलावा सैंकड़ों लोग दुर्घटना में अपाहिज भी हो रहे हैं। इससे उनके परिवार का पालन-पोषण में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भी कारण
जिले में सड़क दुर्घटनाएं घटने के बजाए बढ़ती जा रही है। वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यातायात नियमों की अनदेखी के चलते लोगों की जानें जा रही है। यातायात शाखा के अनुसार जिले के 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग में 157 सड़क दुर्घटनाओं में 68 लोगों की जान गई है। वहीं 124 लोग घायल हुए हैं।
चिचोला तक पांच ब्लैक स्पॉट
वहीं राजकीय मार्ग में 177 दुर्घटनाएं हुई है। जिसमें 78 लोगों की मौत व 251 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा मुख्य जिला मार्ग में 304 दुर्घटनाएं हुई है। जिसमें 128 की मौत व 259 लोग घायल हुए हैं। नेशनल हाइवे में सुंदरा से लेकर चिचोला- तक करीब पांच ब्लैक स्पॉट हैं, जहां हर साल दुर्घटना में लोगोें की सबसे अधिक मौत हो रही है।
अभियान चला रहे हैं
सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने यातायात विभाग द्वारा लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल दुर्घटना कम हुई है। लोगों की लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से दुर्घटना होती है।
-दिलीप सिसोदिया, यातायात डीएसपी राजनांदगांव