अपर कलक्टर ने इस प्रकरण में लोक अभियोजक से अभिमत लेने पर यह स्पष्ट हुआ कि उक्त पार्षद ने अधिनियम 1961 की धारा 41 के उपधारा 2 के विपरित कृत्य करते हुए अधिवक्ता के रूप में पैरवी की। इस वजह से अपर कलक्टर ने पार्षद को पदच्युत कर दिया है। यह फैसला भी दिया गया है कि 5 वर्ष कालावधि में किसी भी नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर पंचायत में पद पर नहीं रहेंगे।