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RTE Admission : बढ़ सकता है आरटीई पोर्टल में आवेदन की अंतिम तारीख! सामने आई ये बड़ी वजह

RTE Admission : 16 प्राइवेट स्कूलों ने आरटीई सीट संख्या सिर्फ 1 बताया है और कुल 21 स्कूलों ने आरटीई सीट्स संख्या सिर्फ 2 बताया है। लगभग 12 स्कूल ऐसे हैं जिनकी वार्डों से मैपिंग नहीं की गई है।

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Chhattisgarh news

राजनांदगांव. RTE Admission news : पोर्टल में त्रुटि, गलत जानकारी और गलत मैपिंग से लाभार्थी गरीब बच्चे शिक्षा पाने से वंचित होते जा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं हैं, क्योंकि अधिकारी रूचि लेकर काम करते नहीं दिख रहे हैं। अविभाजित जिला राजनांदगांव में कुल 287 प्राइवेट स्कूलों आरटीई पोर्टल में पंजीकृत किया गया है, जिसमें से 5 अप्रैल 2023 की स्थिति में कुल 10 प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने स्कूलों में आरटीई सीट संख्या शून्य बताया है। 16 प्राइवेट स्कूलों ने आरटीई सीट संख्या सिर्फ 1 बताया है और कुल 21 स्कूलों ने आरटीई सीट्स संख्या सिर्फ 2 बताया है। लगभग 12 स्कूल ऐसे हैं जिनकी वार्डों से मैपिंग नहीं की गई है। युगांतर पब्लिक स्कूल पार्रीकला की गलत मैपिंग की गई है। इस स्कूल को बजरंगपुर, नवागांव, मोतीपुर और नया ढाबा से मैपिंग किया गया।


छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा लगातार आरटीई पोर्टल में सुधार की मांग कर रहे हैं, लेकिन 30 दिन बीत जाने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पोर्टल में कोई सुधार नहीं कराया जा सका है। इसे लेकर पुन: बुधवार को एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल आरटीई नोडल संयुक्त कलेक्टर अमीय श्रीवास्तव से मुलाकात कर आरटीई पोर्टल में आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल करने की मांग की गई है। एसोसिएशन ने आरटीई पोर्टल में सुधार नहीं कराने की भी शिकायत की है। इस पर संयुक्त कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पोर्टल में सुधार किया जाएगा और तिथि बढ़ाने जिला शिक्षा अधिकारी चर्चा की जाएगी।

वाइडनर स्कूल से प्रतिपूर्ति राशि वापस नहीं ले रहा है प्रशासन

छग पैरेंट्स एसोसिएशन ने लालबाग स्थित वाइडनर स्कूल से पिछले शिक्षा सत्रों में शिक्षा का अधिकार के तहत दी गई प्रतिपूर्ति राशि को वापस कराने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि स्कूल राजगामी संपदा न्यास की जमीन में संचालित है। पॉल ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून की धारा 12 की उपधारा 2 में यह स्पष्ट है कि शासकीय जमीन में संचालित निजी स्कूल आरटीई के तहत गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा देती है, तो वह प्रतिपूर्ति की हकदार नहीं होगी। इस संबंध में भी ज्ञापन देकर राशि कोे वापस वसूलने की मांग रखी गई है।


पालक हो जाएंगे पीछे
शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत गरीब वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दिलाने की योजना मात्र कागजी साबित हो रही है। इस कानून के अंतर्गत आरक्षित सीटों की संख्या लगातार घटते जा रही है।


स्कूल की मैपिंग से लेकर सीट संबंधी जो भी समस्या है,पालक सीधे शिक्षा विभाग के कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं। किसी भी बिचौलियों की बातों में आने की जरूरत नहीं है। आरटीई की पूरी प्रक्रिया नियमत: हो रही है।

राजेश सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव