12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

घर जाने का ऐसा जुनून कि 12 सौ किलोमीटर के सफर पर साइकिल से निकल गए …

नागपुर से निकले मजदूरों को राजनांदगांव के राहत शिविर में मिली पनाह

2 min read
Google source verification
Such a passion to go home that he got out of the bicycle on the journey of 1200 kilometers.

घर जाने का ऐसा जुनून कि 12 सौ किलोमीटर के सफर पर साइकिल से निकल गए ...

राजनांदगांव. लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग तरह की तस्वीर सामने आ रही है। लोग इस आपदा के वक्त किसी भी तरह अपने घर पहुंच जाना चाह रहे हैं। कोई पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर के सफर में निकल गया है तो कोई अन्य साधनों से निकल रहे हैं। कम ही लोग हैं जो अपने घर पहुंच पा रहे हैं। अधिकतर लोग रास्ते में फंस गए हैं। झारखंड के गोड्डा जिले के लिए नागपुर से साइकिल पर निकले 14 मजदूर इस समय राजनांदगांव जिले के नेशनल हाईवे पर बनाए गए प्रशासन के अस्थायी शिविर में रखे गए हैं। इन लोगों का कहना है कि काम बंद हो गया है। महाराष्ट्र में कोरोना का प्रकोप सबसे ज्यादा है। इस वजह से वे नई साइकिल खरीदकर निकले लेकिन उन्हें यहां रोक लिया गया। खाना, कपड़ा, सुविधा सब मिल रही लेकिन वे घर जाना चाह रहे हैं।

नागपुर से झारखंड के गोड्डा की दूरी साढ़े 12 सौ किलोमीटर है। 7 साइकिल में निकले ये 14 मजदूर करीब 140 किलोमीटर की दूरी पार कर छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंच गए हैं और इस वक्त सड़क चिरचारी के शिविर में हैं। मजदूरों ने बताया कि वे नागपुर में सड़क निर्माण के काम में लगी कंपनी में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के चलते सड़क का काम बंद हुआ और उन्हें वहां परेशानी होने लगी। 14 लोगों की टीम में शामिल दीपक, पवन, सुमित राय, नीरज राय, जागेश्वर, लक्ष्मण और अजय कुमार ने बताया कि उन्हें वहां रहने व खाने की दिक्कत होने पर उन्होंने कंपनी के प्रबंधन से घर जाने की बात की। चूंकि परिवहन के सारे साधन बंद थे, ऐसे में प्रबंधन ने उन्हें नई साइकिल खरीदकर दी। सभी 14 लोग 7 साइकिलों में निकले और बारी बारी से साइकिल चलाकर यहां तक पहुंचे हैं।

घर में हैं सब परेशान

अपने गांव जाने निकले मजदूरों ने बताया कि नागपुर से निकलने की जानकारी उन्होंने घर में दे दी है और अब घर में सब परेशान हैं। मजदूरों ने बताया कि नागपुर में हो रही परेशानी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें आगे रवाना कर दिया लेकिन अब वे यहां आकर फंस गए हैं और यहां से आगे जाने नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों ने कहा कि यदि प्रशासन उन्हें छोड़ देता है तो वे किसी तरह साइकिल चला कर अपने गांव, अपने घर पहुंच सकते हैं।