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पूर्व मंडी अध्यक्ष ने खुद से की पहल और आवारा मवेशियों के लिए वैकल्पिक कांजी हाऊस में की चारा-पानी की व्यवस्था …

पूर्व मंडी अध्यक्ष व कांग्रेस के नेता लालटारकेश्वर शाह खुशरो मौके पर पहुंचे। अंत में निर्णय हुआ कि सभी मवेशी धु्रव भवन की गौशाला में रखी गई। वहां गायों के लिए स्वयं ख़ुशरो ने चारा व पानी की व्यवस्था की।

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The former mandi president himself took initiative and forage-water system in alternative kanji houses for stray cattle…

पूर्व मंडी अध्यक्ष ने खुद से की पहल और आवारा मवेशियों के लिए वैकल्पिक कांजी हाऊस में की चारा-पानी की व्यवस्था ...

गंडई पंडरिया. नगर पंचायत द्वारा मवेशियों की सुरक्षा को लेकर कार्यालय के सभागार में पशुपालक, अध्यक्ष, सीएमओ, पार्षद की बैठक की गई थी। उसके बाद फिर से पंडरिया में बैठक की गई थी। जिसमें गंडई नगर पंचायत के 1 से 6 वार्ड तक शासन के मवेशियों को सुरक्षित आवास व चारापानी के लिए मवेशी मालिकों व किसानों के साथ बैठक कर योजना बनाई गई थी। मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने 125 मवेशियों को खुले रूप से सड़कों में घूमते रोका गया था, जिसके बाद आवास के वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में वार्ड नम्बर दो के कांजी हाऊस ले जाया गया था।

सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार कुछ जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के द्वारा मवेशी की सुरक्षा का हवाला दिया गया व कांजी हाऊस से मवेशियों को बाहर किया गया। इसकी सूचना मिलते ही पूर्व मंडी अध्यक्ष व कांग्रेस के नेता लालटारकेश्वर शाह खुशरो मौके पर पहुंचे। अंत में निर्णय हुआ कि सभी मवेशी धु्रव भवन की गौशाला में रखी गई। वहां गायों के लिए स्वयं ख़ुशरो ने चारा व पानी की व्यवस्था की। इस प्रकार एक बार फिर गंडई की जनसरोकार से जुड़ी समस्या को लेकर पूर्व मंडी अध्यक्ष ने उदारता का परिचय दिया। धु्रव भवन के गौशाला में मवेशियों की संख्या लगभग 125 की संख्या बताई जा रही है।

निकाय की छवि नगर में हो रही खराब

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के कर्मचारी सीएमओ द्वारा पूछी गयी जानकारी को गलत रूप पेश करते हैं। उपरोक्त मामले में भी यही कारण नजर आ रहा है। निकाय में कई कर्मचारी 20-20 साल से गंडई में ही हैं। इनके मनमुताबिक निर्णय नहीं होने पर निकाय की छवि नगर में खराब करते हैं। निकाय के कई बातों को कर्मचारी अपने निजी लाभ के लिए सार्वजनिक करते हैं।

पशुपालक सुरक्षित बाहर ले गए

पूर्व मंडी अध्यक्ष लाल टारकेश्वर शाह ख़ुशरो ने कहा कि रेका-छेका योजना शासन की योजना है। इसमें प्रशासनिक पहल होनी चाहिए, जो अब तक क्रियान्वित नहीं हुई है। मवेशियों की स्थिति को देखते हुए मैने अपने धु्रव भवन की गौशाला में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए रखवाया था। प्रशासनिक रूप से गौठान समितियों का गठन कर तत्काल इस व्यवस्था को सुधरवाना चाहिए। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रंग देने का काम किए हैं, जो अनुचित है। किसान हित में जनप्रतिनिधियों को सोचना चाहिए। पंडरिया में शाम को मवेशियों को इकठ्ठा किया गया। यह सामूहिक निर्णय के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। 20 अगस्त को मवेशियों के लिए 4 चरवाहा नियुक्त किया गया। 125 मवेशी को धु्रव भवन में आवास, चारा-पानी की व्यवस्था की गई। मवेशियों की पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों से जांच भी कराई गई है। वर्तमान में सभी मवेशी धु्रव भवन से पशुपालक सुरक्षित बाहर ले गए हैं।

क्रियान्वित किया जाएगा

मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रमोद शुक्ला ने कहा कि मवेशियों को चिन्हित किया जाएगा। उसके बाद मवेशियों को सुरक्षित किया जाएगा। अध्यक्ष, पार्षद, किसान व पशुपालकों के सामूहिक निर्णय के आधार पर आगे कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जाएगा।


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