
गिरिराज पर्वत पर स्थापित होने वाली दक्षिणमुखी हनुमानजी की प्रतिमा का प्रारूप। नाथद्वारा
गिरिराज सोनी@ नाथद्वारा. रसराज प्रभु श्रीनाथजी की धरा पर नटराज की 351 फीट की प्रतिमा बनने के बाद अब अंजनि के लाल हनुमानजी की अलौकिक भाव की प्रतिमा प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में स्थापित होगी। इसका भूमि पूजन हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर गुरुवार को होगा।
गिरिराज पर्वत पर स्थित गिरिराजेश्वर महादेवजी मंदिर के पास प्रभु श्रीनाथजी के भक्त मुंबई के श्रद्धालु वैष्णव गिरीश भाई रतीलाल शाह की ओर से प्रस्तावित हनुमानजी की 108 फीट की प्रतिमा के निर्माण का भूमि पूजन गुरुवार दोपहर श्रीनाथजी मंदिर के तिलकायत पुत्र विशाल बावा राजभोग दर्शन के बाद करेंगे। श्रद्धालु गिरीश भाई एवं मंदिर मंडल अधिकारी, मंदिर के सेवाकर्मी भी मौजूद रहेंगे।
भूमि पूजन के बाद प्रारंभ होने वाले कार्य के लिए 15 फीट का चबूतरानुमा फांउडेशन तैयार किया जाएगा। उसके बाद उस पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। गिरिराज पर्वत की ऊंचाई पर बनने से यह प्रतिमा दूर से देखी जा सकेगी।
शिव प्रतिमा बनाने वाले ही मूर्तिकार
हनुमानजी की प्रतिमा को हाथ जोडऩे के भाव के साथ ही मुखारविंद आदि पूरे स्वरूप को आकार देश के जाने माने मूर्तिकार दिल्ली निवासी नरेश मूर्तिकार इसको पूरा करेंगे। इन्होंने ही यहां स्थापित शिव प्रतिमा को भी डिजाइन किया था।
दक्षिणमुखी होगी प्रतिमा
हनुमानजी की प्रतिमा का श्रीमुख दक्षिण में होगा। इस बारे में दानदाता गिरिश भाई ने बताया कि प्रभु श्रीनाथजी का श्रीमुख उत्तर में है, ऐसे में हनुमानजी ठाकुरजी के सामने हाथ जोडऩे के भाव से दक्षिणमुखी होंगे, जिनका मुख पूरे 90 डिग्री के कोण में दक्षिण की ओर होगा।
शिव प्रतिमा के बाद यह भी होगी भव्य प्रतिमा
तद्पदम उपवन के अन्तर्गत शहर के 120 फीट रोड पर स्थापित 351 फीट की शिव प्रतिमा के बाद इतनी बड़ी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित होगी, जिससे शहर में दो विशालकाय प्रतिमाएं हो जाएंगी। उल्लेखनीय है कि शिवप्रतिमा का निर्माण किया गया उसकी मुख्य ऊंचाई 351 फीट ही है, जिसके बाद जलधारा के लिए जो सुविधा स्थापित की गई। उससे इस प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट हो गई है।
एक करोड़ की आएगी लागत
हनुमानजी की प्रतिमा को बनाने के लिए लगभग एक करोड़ रुपए से भी अधिक की लागत आएगी, जो गिरिश भाई के द्वारा ही निर्मित कराई जाएगी। यह प्रतिमा कार्य प्रारंभ होने के बाद लगभग छह माह में बनकर तैयार हो जाएगी।
लगभग साढ़े 3 सौ साल पूर्व यहां पधारकर बिराजित हु़ए प्रभु श्रीनाथजी के बाद सिंहाड़ गांव से नाथद्वारा के नाम से मिली पहचान के बाद से ही देश विदेश में श्रीजी बावा के भक्तों का आने का क्रम बना हुआ है। ऐसे में यहां पर सालभर के अनुमान के रूप में प्रतिदिन लगभग सात से आठ हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। उसके बाद विगत वर्ष यहां पर आमजन के लिये सावर्जनिक की गई 351फीट की शिव प्रतिमा से नाथद्वारा को एक और पहचान मिली। वहीं, अब आने वाले कुछ माह बाद जब रामभक्त हनुमानजी की प्रतिमा गिरिराज पर्वत पर स्थापित हो जाएगी तो श्रीजी की नगरी में त्रिवेणी संगम का उद्भव हो जाएगा। ऐसे में यहां पर प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु दर्शन के बाद इन प्रतिमाओं के दर्शन का लाभ भी ले पाएंगे।
Published on:
06 Apr 2023 03:41 pm
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