
राजसमंद. बेड़च का नाका में 2013 में शिलान्यास के दौरान उपस्थित आमजन।
राजसमंद. जिले के चारभुजा तहसील क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित बेड़च का नाका पेयजल परियोजना अब 21 साल बाद फिर से मूर्त रूप लेगी। इस परियोजना का शिलान्यस 2023 में किया गया था, इसके बाद से अभी तक विभिन्न कारणों के चलते अटका रहा। सरकार ने अब इसके लिए 60 करोड़ की घोषणा की है। उक्त परियोजना से 11 गांव और 48 ढाणी के 3156 परिवार लाभान्वित होंगे। कुंभलगढ़ की पहाडिय़ों से बहकर मारवाड़ जाने वाले पानी को सहेजने और गांवों में पेयजल का स्थायी समाधान करने के लिए बेड़च का नाका पेयजल परियोजना बनाई गई थी। 15 सितंबर 2003 को पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा ने इसका शिलान्यास किया था। इस कार्यक्रम में तत्कालीन गृहराज्य मंत्री गुलाब सिंह शक्तावत, तत्कालीन सांसद गिरिजा व्यास और डॉक्टर सीपी जोशी उपस्थित रहे थे। इसके बावजूद काम शुरू नहीं हो सका। इसके बाद से लगातार सरकारें बदलती रही, लेकिन बेड़च का नाका काम शुरू नहीं हो सका। पिछली बीजेपी सरकार ने इसके लिए 50 करोड़़ रुपए स्वीकृत किए थे, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। फिर भाजपा सरकार की ओर से पेश किए गए परिवर्तित बजट में बेड़च का नाका परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपए की घोषणा की है। इससे 21 साल फिर से उक्त परियोजना के मूर्त रूप लेने की उम्मीद जगी है।
बेड़च का नाका पेयजल परियोजना के लिए 18 करोड़ की लागत से डेम का निर्माण करवाया जाएगा। इसके अलावा 42 करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट, पानी की टंकी का निर्माण एवं पाइप लाइन आदि बिछाने पर खर्च होंगे। इससे पांच पंचायतें जिसमें रिछेड, चारभुजा, झीलवाड़ा, मानावतो का गुडा, थुरावड़ गांव और ढाणियों को पेयजल उपलब्ध होगा। डेम का निर्माण सिंचाई विभाग करेगा, इसके अलावा अन्य कार्य जलदाय विभाग के माध्यम से करवाया जाएगा।
जानकारों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा ने 15 सितंबर 2003 को शिलान्यास किया, लेकिन विधानसभा चुनाव होने के कारण 2003 में भाजपा के सुरेंद्रसिंह राठौड़ विधायक बने। उन्हें सिंचाई राज्य मंत्री बनाया गया। उन्होंने फिर से शिलान्यास किया, लेकिन वन विभाग की जमीन होने के कारण काम अटक गया। 2008 से 2013 तक कांग्रेस सरकार आई। विधायक गणेश सिंह परमार एनओसी के लिए कागजात कंप्लीट करवाए और राज्य सरकार से इस परियोजना के लिए 14 करोड स्वीकृत भी करवाए। टेंडर भी जारी हो गया, निर्माण सामग्री भी परियोजना स्थल पर पहुंच गई। फिर सरकार बदल जाने से टेंडर निरस्त हो गया। 2018 से 2023 तक सुरेंद्र सिंह राठौड़ विधायक रहे। मगर प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने से परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई। चुनाव में सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने विधायक चुने जाने के बाद इस परियोजना के मूर्त रूप देने की घोषणा की थी। आखिर राज्य सरकार के परिवर्तित बजट में बेड़च का नाका परियोजना के लिए 60 करोड़़ की घोषणा की।
बेडक़ का नाका डेम की क्षमता 22 एमसीएफटी का प्रस्तावित है। सिंचाई विभाग तो डेम बनाएगा। इसके अलावा अन्य गतिविधियां जलदाय विभाग करेगा।
बेड़च का नाका जल परियोजना से कुंभलगढ़ क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान होगा। फिल्टर प्लांट, पाइप लाइन बिछाने आदि का काम किया जाएगा। इससे तीन हजार से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
Published on:
31 Jul 2024 11:36 am
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