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ब्यावर-गोमती फोरलेन बने तो कम हों हादसे

विधायक ने फोरलेन निर्माण कार्य चालू करवाने केन्द्र सरकार को लिखा पत्र Beawar-Gomti become a forelane if there are fewer accidents

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Beawar-Gomti become a forelane if there are fewer accidents

ब्यावर-गोमती फोरलेन बने तो कम हों हादसे

प्रमोद भटनागर
देवगढ़/भीम. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर ब्यावर से गोमती तक फोरलेन निर्माण कार्य पिछले 6 वर्षों से अधूरा पड़ा है। ऐसे में निमार्ण कार्य चालू करवाने को लेकर विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। Beawar-Gomti become a forelane if there are fewer accidents
विधायक रावत ने पत्र में बताया कि पूर्व में भी सड़क मार्ग एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई थी। बताया कि इस मार्ग पर कार्य अधूरा होने से यह क्षेत्र गम्भीर दुर्घटना क्षेत्र बन गया है। ऐसे में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है तथा इस क्षेत्र के सैकड़ों लोग अकाल मौत का शिकार हो चुके हैं। वहीं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल और अपंग भी हो चुके हंै। इसको लेकर विधायक रावत ने इस मार्ग पर फोरलेन का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाने की मांग की है। बताया कि इस मार्ग पर अहमदाबाद की तरफ से सिक्स लेन पर होकर आ रहे वाहनों की भारी तादाद से यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। वहीं, अजमेर ब्यावर सिक्सलेन होकर आने वाले भारी वाहनों का दबाव भी रहता है। ब्यावर एवं गौमती से निकलते ही मेगा हाइवे शुरू हो जाता है। ऐसे मं संकरे एवं असुरक्षित मार्ग पर भारी व यात्री वाहनों की सघन आवाजाही होने एवं मार्बल मण्डी राजसमंद से किशनगढ़ तक ओवरलोड लदान ले जाते ट्रोले आदि से हमेशा हादसे की आशंका रहती है। ऐसे में यहां फोरलेन बन जाता है तो हादसों में कमी लाई जा सकती है।

Beawar-Gomti become a forelane if there are fewer accidents
इन मार्गों पर सबसे ज्यादा खतरा
गोमती, लाम्बोड़ी, छापली घाटा, दिवेर नर्सरी मोड़, जीरण मोड़, शक्करगढ़, सांगावास, डान की बावड़ी, बग्गड़, मियाला, आसन, ठिकरवास, कामलीघाट, आवलासरा घाटा, नंदावट, बरार, पाटिया भीम, मल्याथड़ी, कुम्हार नाड़ा भीम, चालीस मील, कुकरखेड़ा एवं जस्साखेड़ा। Beawar-Gomti become a forelane if there are fewer accidents
यह है राजमार्ग की वर्तमान स्थिति
आईएल एंड एफएस कंपनी को ठेका मिलने के बाद कंपनी ने गोमती से ब्यावर तक कुछ आबादी क्षेत्रों को छोड़ते हुए जगह-जगह हाइवे किनारे खुदाई कर दी। इसके तहत कहीं गिट्टी के साथ डामर भी बिछा दिया गया। जहां रास्ता खोद दिया वहां समतलीकरण नहीं किया गया। कहीं मेगा हाइवे किनारे बड़े पत्थर पड़े हैं तो कहीं दोनो किनारों पर खाइयंा खुदी हुई है। इनसे हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है।