
आओ, हम एक-एक जिन्दगी बचाने का लें संकल्प
राजसमंद. रक्तदान को महादान माना गया है। किसी भी मरीज को जरूरत के समय रक्त सुलभ करवाना एक तरह से उसे नया जीवन देने के समान है। रक्त की जरूरत कब और किसे पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता। एनीमिक, थैलेसीमिया, कैंसर के मरीजों के साथ ही प्रसूताओं व डायलिसिस के मरीजों को अक्सर रक्त की जरूरत पड़ती रहती है। इसके अलावा सड़क हादसों में भी इजाफा हुआ है, जिनमें गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुंचने वालों को भी रक्त चढ़ाने की जरूरत होती है। ऐसे में स्वस्थ व्यक्ति के रक्त की कमी को पूरा करने के लिए भारत में वर्ष 1975 से एक अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाने की शुरुआत हुई। ये पहली बार इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहैमेटोलॉजी द्वारा मनाया गया था। इसके बाद देश में रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने को ये क्रम चल पड़ा। ये ही वजह है कि आज देश में ऐसे कई संगठन हैं, जो नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्रों में रक्तदान शिविर लगाकर अस्पतालों में रक्त की जरूरत को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
युवाओं में जागरुकता जरूरी
स्वैच्छिक रक्तदान दिवस का उद्देश्य आम स्वस्थ लोगों को न केवल अपने परिवारजनों व मित्रों के लिए, बल्कि हर जरूरतमंद के लिए रक्तदान के तैयार रहने को जागरूक करना है। राजसमंद जिले में भी बरसों से स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगों का जबर्दस्त रुझान रहा है। यहां ऐसे कई लोग हैं जो कई-कई बार रक्तदान कर अन्य लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं। यहां भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, मधुकर रक्त पेढ़ी, टीम जीवनदाता, अटल रक्त समूह, अखिल भारतीय तेरापंथी युवक परिषद, भारत स्काउट गाइड, महेश प्रगति संस्थान, एबीवीपी स्टूडेंट फॉर सेवा प्रकल्प, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई जैसी प्रेरणादायी संस्थानों से प्रेरित होकर अक्सर युवा बढ़चढ़ कर रक्तदान के लिए आगे आते रहे हैं।
कई मायनों में लाभदायक है रक्तदान
रक्तदान से न केवल हम दूसरों का जीवन बचाते हैं, बल्कि ये रक्तदाता के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। समय-समय पर रक्तदान से दिल स्वस्थ रहता है। शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहने से कैंसर का खतरा भी कम होता है। हृदयाघात से दूर रखता है, साथ ही इससे खून भी पतला होता है जो दिल की सेहत के लिए अच्छा है। लम्बे समय युवा बने रहने के लिए भी रक्तदान बेहतर रहता है। रक्तदान वजन को कम करने में मदद कर सकता है। रक्तदान से शरीर में नया खून बनता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।
अभी और जागरुकता की जरूरत
आरके जिला अस्पताल में ब्लड बैंक प्रभारी डा. महावीर प्रसाद मीणा बताते हैं कि राजसमंद जिले में युवाओं में रक्तदान के प्रति जागरुकता सराहनीय है। कोरोना काल को छोड़ दें तो गत वर्ष तक यहां प्रतिदिन औसतन 13-14 यूनिट की जरूरत रहती आई है। यहां की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की प्रेरणा से रक्तदाता जरूरत पडऩे पर अस्पताल आकर रक्तदान करते रहते हैं। इसके अलावा होने वाले शिविरों से भी अस्पताल की मांग को पूरा करने में मदद मिल रही है। हम स्वैच्छिक रक्तदान को बेहतर मानते हैं, ताकि एक स्वस्थ इंसान का रक्त मरीज को मिल सके। अभी इस काम में और जागरुकता की जरूरत है।
Published on:
30 Sept 2020 11:53 pm
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