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एक क्लिक में पूरा रिकॉर्ड! जुलाई से फिर शुरू होगा अपारआईडी अभियान,18 जिलों की सुस्ती चिंता का कारण

राजसमंद. राजस्थान में विद्यार्थियों की डिजिटल पहचान यानी अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया पर इन दिनों अस्थायी विराम लगा हुआ है।

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Apar ID News

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मधुसूदन शर्मा

राजसमंद. राजस्थान में विद्यार्थियों की डिजिटल पहचान यानी अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया पर इन दिनों अस्थायी विराम लगा हुआ है। इसकी वजह राज्यभर में चल रही परीक्षाएं हैं, जिनके चलते स्कूलों में प्रशासनिक कार्यों को प्राथमिकता नहीं मिल पा रही है। लेकिन खुशखबरी यह है कि यह योजना जुलाई में नए सत्र के साथ फिर से शुरू होगी।

क्या है "अपारआईडी" योजना?

भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत हर विद्यार्थी को एक 12 अंकों की यूनिक आईडी दी जा रही है। यह आईडी केवल पहचान पत्र नहीं, बल्कि विद्यार्थी की पूरी शैक्षणिक यात्रा का डिजिटल रिकॉर्ड होगी -जैसे उपस्थिति, परीक्षा परिणाम, पीटीएम रिकॉर्ड, छात्रवृत्ति, स्थानांतरण, और बहुत कुछ।

18 जिलों में प्रगति बेहद धीमी

हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, 18 जिलों की प्रगति उम्मीद से काफी पीछे है। इन जिलों में अपार आईडी निर्माण की गति धीमी रही और लक्ष्य पूरे नहीं हो सके। शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को जुलाई से काम तेज करने के निर्देश दिए हैं ताकि बाकी का कार्य समय पर पूरा हो सके।

अब तक कहां पहुंचा काम?

राजस्थान में 63.67% अपार आईडी जनरेट की जा चुकी हैं, यानी बड़ी संख्या में छात्रों को डिजिटल रूप से जोड़ दिया गया है। शेष कार्य जुलाई से दोबारा आरंभ होगा।

अपार आईडी से मिलेंगे ये फायदे

  • डुप्लीकेट दस्तावेज़ की टेंशन खत्म: अब अगर मार्कशीट या प्रमाण पत्र खो जाए, तो छात्र को परेशान होने की जरूरत नहीं-सब कुछ डिजिटल रिकॉर्ड में उपलब्ध होगा।
  • फर्जीवाड़ा होगा खत्म: नौकरी या छात्रवृत्ति में फर्जी दस्तावेज़ का खेल अब बंद होगा। एक क्लिक में नियोक्ता या संस्था छात्र का सत्यापित रेकॉर्ड देख सकेगी।
  • शिक्षा में पारदर्शिता: पढ़ाई से जुड़े हर पहलू की निगरानी आसान होगी। छात्र की उपस्थिति से लेकर परिणाम तक — सब कुछ रिकॉर्ड में रहेगा।

आगे क्या?

जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही राज्यभर में फिर से शुरू होगा अपार आईडी निर्माण कार्य। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 के अंत तक 100% विद्यार्थियों को डिजिटल आईडी से जोड़ दिया जाए।

फैक्ट फाइल

क्रम संख्याविवरणआंकड़े
1.संचालित स्कूलों की कुल संख्या1,08,196
2.कुल विद्यार्थी अध्ययनरत1,62,79,392
3.अपार आईडी जनरेट कर चुके विद्यार्थी1,03,79,093
4.सरकारी स्कूलों में आवेदन नहीं करने वाले विद्यार्थी17,86,568
5.निजी स्कूलों में आवेदन नहीं करने वाले विद्यार्थी39,82,445
6.कुल ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने आवेदन नहीं किया57,69,013

राजस्थान में अपार आईडी निर्माण प्रगति (जिलेवार)

क्रमजिलाबने अपार कार्डप्रतिशत (%)
1राजसमंद1,97,60878.53
2ब्यावर2,07,40976.37
3डूंगरपुर2,78,34876.32
4हनुमानगढ़2,61,65574.76
5गंगानगर2,78,87673.70
6बाड़मेर3,14,57870.28
7बालोतरा1,86,95170.12
8नागौर2,65,00069.52
9भीलवाड़ा3,68,29868.97
10बूंदी1,68,28668.96
11चित्तौड़गढ़2,07,59167.81
12पाली2,26,72267.35
13उदयपुर3,93,15367.22
14जालोर2,81,89967.10
15सीकर4,18,68666.79
16सिरोही1,59,38966.79
17झुंझुनूं2,73,94765.98
18सलूंबर96,57965.89
19टोंक1,88,87065.09
20डीडवाना-कुचामन2,34,90265.05
21फलौदी1,36,14964.45
22बीकानेर3,84,15164.19
23जोधपुर4,79,53164.01
24अजमेर3,08,83763.69
25चूरू3,06,54563.60
26कोटा2,94,12063.04
27प्रतापगढ़1,33,98662.58
28जैसलमेर1,10,28362.53
29झालावाड़1,91,14262.24
30सवाईमाधोपुर1,85,54961.51
31डीग1,45,44061.23
32बांसवाड़ा2,85,55461.01
33करौली2,00,05360.42
34भरतपुर1,94,91858.14
35बारां1,44,57755.91
36अलवर2,77,84455.79
37दौसा2,11,19755.54
38धौलपुर1,79,61055.03
39खैरथल तिजारा1,39,61754.60
40जयपुर9,20,06253.59
41कोटपूतली बहरोड़1,41,18153.51

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