
VIDEO : फसल खराबे से किसान की मौत पर क्या बोले पीपली आचार्यान के किसान- देखिएं वीडियो
किसानों को मुआवजा मिले
सब्जियों की खेती कर परिवार का गुजारा चला रहे हैं। तीन दिन में अत्यधिक सर्दी के चलते पाला पड़ा, जिससे सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। अब सरकार अगर मुआवजा नहीं देगा, तो किसानों के लिए घर गुजारा चलाना ही मुश्किल है।
किशन कीर, किसान पीपली आचार्यान
आत्महत्या को मजबूर किसान
पाले से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने बैंकों का कर्ज माफ कर दिया, मगर जिन किसानों ने निजी स्तर पर साहूकारी में पैसा ले रखा हैं। उसकी वजह से किसान आत्महत्या को मजबूर है। लेहरुलाल को उचित मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन करेंगे।
महेश आचार्य, उप सरपंच पीपली आचार्यान
मुआवजा अपर्याप्त
फसलों की बुवाई, सिंचाई व उत्पादन तक लागत मूल्य हजारों में होता है, मगर सरकार द्वारा 200 से 1000 रुपए तक मुआवजा दिया जाता है, जो अपर्याप्त है। इसी वजह से किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं।
भंवर कीर, किसान पीपली आचार्यान
पाले का प्रकोप, किसान बर्बाद
पाले के प्रकोप से फसलें काफी खराब हुई है। गांव में लेहरूलाल की आत्महत्या भी चिंतनीय है। खराब हुई फसलों का आंकलन कर उचित मुआवजा दिलाने मिलना चाहिए।
मनोहर कीर, पूर्व सरपंच पीपली आचार्यान
सौ फीसदी मुआवजे के हकदार
लेहरूलाल के खेत में 75 से 80 फीसदी तक बैंगन की फसल खराब हुई है। खराबे में सौ फीसदी मुआवजे के हकदार है। इसकी कार्रवाई प्रशासनिक स्तर से होगी।
लोभचंद लौहार, कृषि पर्यवेक्षक पीपली आचार्यान
पाले से पतीता खराब हुए
खेत में पतीता के पौधे लगाए, जिस पर एक लाख की लागत आई। पाले की वजह से पतीता खराब हुआ, जिससे करीब ढाई लाख की होने वाली आय खत्म हो गई। ऐसी स्थिति में सरकार से मुआवजा नहीं मिलता है, तो किसान ऋण चुकाना तो दूर घर गुजारा ही कैसे चलाए।
नानालाल कीर, किसान पीपली आचार्यान
पाले से जल गए टमाटर
मेरे खेत पर टमाटर की बुवाई कर रखी थी, जो पाले की वजह से जल गए। छोटे भाई लेहरूलाल के करीब दो बीघा के बैंगन खराब हो गई। पूरा परिवार खेती पर आश्रित है और खेती में नुकसान व कर्ज से घबराकर लेहरूलाल ने फांसी लगा ली।
मांगीलाल कीर, किसान पीपली आचार्यान
Published on:
01 Jan 2019 12:33 pm
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