सर्दी का कहर: फसलों और आमजन पर असर
राजसमंद के विभिन्न इलाकों में ठंड के कारण खेतों पर पानी की परत जमा होने से किसानों को भारी चिंता हो रही है। विशेषकर गेहूं और चने की फसलों पर इसका नकरात्मक असर हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की सर्दी और कोहरे की स्थिति बनी रही, तो फसलों के विकास में रुकावट आ सकती है और उत्पादन में गिरावट हो सकती है। सर्दी से न सिर्फ किसान, बल्कि आम जन भी परेशान हैं। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है, और रविवार को न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई। सोमवार को भी तापमान में और गिरावट देखी गई। दिन में धूप खिलने के बावजूद सर्दी से राहत मिल पाना मुश्किल हो रहा है। लोग घरों में आग जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, सड़क पर यात्री भी गर्म कपड़े पहनकर निकलने को मजबूर हैं। रात के समय घना कोहरा वाहन चालकों के लिए मुसीबत बना हुआ है।
कृषि विशेषज्ञों की राय: फसलों को बचाने के उपाय
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि शीतलहर और ठंड में और अधिक वृद्धि हुई तो गेहूं की फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने किसानों से आग्रह किया है कि वे फसलों को बचाने के लिए उचित सिंचाई प्रबंधन अपनाएं और फसलों की सुरक्षा के लिए खास ध्यान दें। खेतों में पानी जमने से बचने के लिए विशेषज्ञों ने शीतलहर के समय सिंचाई की मात्रा को कम करने और सही समय पर छाया देने की सलाह दी है।
भविष्यवाणी और सावधानी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में सर्दी और बढ़ने की संभावना है, जिससे आमजन और किसानों को और भी परेशानी हो सकती है। प्रशासन ने ठंड से बचाव के उपायों पर जोर दिया है और नागरिकों से स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की है। इसके साथ ही, किसानों को सर्दी के मौसम में फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।