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धूल फांक रहा दस करोड़ की लागत का औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

कस्बे में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन बने चार वर्षो से अधिक समय हो चुका है। इसके बावजूद इंस्थान में अब तक कम्प्यूटर संकाय के अतिरिक्त किसी भी संकाय से जुड़े कोई भी उपकरण नहीं पहुंचे हैं।

राजसमंदJun 02, 2024 / 11:34 am

Madhusudan Sharma

Collage Education

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योगेश श्रीमाली

रेलमगरा. कस्बे में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन बने चार वर्षो से अधिक समय हो चुका है। इसके बावजूद इंस्थान में अब तक कम्प्यूटर संकाय के अतिरिक्त किसी भी संकाय से जुड़े कोई भी उपकरण नहीं पहुंचे हैं। वर्ष 2016-17 के बजट सत्र में संस्थान की घोषणा होने के बाद से ही निर्धारित संकाय के लिए उपकरण खरीदी का काम शुरू कर दिया जाता है, लेकिन रेलमगरा के संस्थान के लिए 8 वर्षों में भी जरूरी उपकरण उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इसके चलते यहां भवन में किसी भी प्रकार के उपकरण नहीं होने से यह भवन एक पहेली बना हुआ है। विभाग की ओर से यहां एकमात्र अनुदेशक नियुक्त कर रखा है। अनुदेशक कुलदीप लौहार संविदा पर कार्यरत रहते हुए कम्प्यूटर संकाय के लिए दर्ज प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण तो प्रदान करा रहे हैं, लेकिन विशाल भवन के मात्र एक कक्ष के अलावा बाकी कमरों में सन्नाटा ही पसरा रहता है। रेलमगरा में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्वीकृति का मुख्य उद्देेश्य ही यही था कि क्षेत्र के बेरोजगारों को माइंस से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के साथ मशीनी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के लिए वांछित योग्यता देते हुए रोजगार जैसी गंभीर समस्या का समाधान किया जा सके। लेकिन यहां स्वीकृत संकायों में प्रशिक्षण का कार्य शुरू नहीं हो पाने से बेरोजगारी की समस्या घटने की बजाय दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। नतीजन रोजगार की मांग को लेकर आए दिन माइंस परिसर में बेरोजगारों का प्रदर्शन व आंदोलन जैसी समस्याएं सामने आना आम बात हो गई है। इतना ही नहीं रेलमगरा में प्रशिक्षण की सुविधा होने के बावजूद यहां के बेरोजगार छात्र-छात्राएं अन्यत्र जाकर प्रशिक्षण लेने को भी विवश हो रहे हैं।

पहले कपासन में चल रहा था केन्द्र

रेलमगरा में स्वीकृत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यहां भवन निर्मित नहीं होने से पहले चित्तौडगढ़़ जिले के कपासन में संचालित किया जा रहा था। सुत्रों के अनुसार कपासन में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में संचालित हो रहा था। वहां एक बैच रेलमगरा क्षेत्र के लिए निर्धारित कर वहां के प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा था। लेकिन, यहां भवन बनने के बाद वर्ष 2023 से कपासन केन्द्र से इस कैम्प को निरस्त करते हुए रेलमगरा के नवीन भवन में संचालित किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए। ऐसे में अब यह संस्थान कागजों में संचालित होकर रह गया है।

अब तक कोई कर्मचारी नहीं हुआ नियुक्त

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में स्वीकृत कुल 8 संकायों में से अब तक किसी भी राजकीय कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार विभाग में अधिकांश संस्थानों पर पद वर्तमान में रिक्त ही पड़े हंै। अन्य जगहों पर संचालित विभिन्न संकायों में भी प्रशिक्षण का कार्य संविदा कार्मिकों द्वारा करवाया जा रहा है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा इस तरह के संस्थानों के लिए करीब 2500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, लेकिन यह प्रक्रिया भी चुनावी आचार संहिता के चलते अटकी हुई है।

रखरखाव के अभाव में भवन को भी हो रहा नुकसान

रेलमगरा में स्वीकृत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन करीब चार वर्ष पूर्व 2020 में बनकर तैयार हो गया था। पहले तो भवन में पूरी तरह से वीरानी सी ही पसरी रहती थी, लेकिन गत वर्ष से कम्प्यूटर संकाय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद कुछ चहल-पहल बनी, लेकिन एक कक्ष के अतिरिक्तपूरा भवन खाली पड़ा रहने से इसका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। इसके चलते भवन की दीवारों से प्लास्टर उखडऩे के साथ रंग खराब होने फर्नीचर को दीमक लगने जैसी समस्याएं भी उत्पन्न होने लगी है।

काफी आकर्षक है संस्थान का भवन

करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से बना यह भवन बेहद आकर्षक है। दो मंजिला इस ईमारत में कुल 8 वर्कशॉप कक्षाएं, 8 कक्षा कक्ष, एक कार्यालय, एक संस्था प्रधान कक्ष, एक स्टॉफ कक्ष, स्टोर सहित अन्य कमरे बने हुए हैं। भवन के समीप ही एक विशाल डोम बनाया गया है। साथ ही एक सुसज्ज्ति पार्किंग, गार्डन आदि भवन की सुन्दरता को चार चांद लगाते हैं। अब रखरखाव के अभाव में भवन का अधिकांश हिस्सा धूल के आगोश में है। कम्प्यूटर प्रशिक्षणार्थी मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश कर पहले कक्ष में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हंै, जबकि, शेष भवन में सन्नाटा पसरा रहता है।

संस्था प्रधान की नियुक्ति के आदेश, नहीं लिया चार्ज

राजसमन्द स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संस्था प्रधान नीरज नागौरी को यहां का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन, उनके पास पहले से चार केन्द्रों का चार्ज होने से वे भी यहां का चार्ज लेने में अरूचि दिखा रहे हैं। वर्तमान में नागौरी के पास राजसमन्द के अतिरिक्तआमेट, देवगढ़ के साथ प्रोडक्शन केन्द्र उदयपुर का चार्ज है।

प्रयासरत हैं जल्द उपकरण उपलब्ध करवाने को

रेलमगरा संस्थान का चार्ज लेने के आदेश मिले थे, लेकिन राजसमन्द के अतिरिक्त अन्य 3 संस्थानों का चार्ज भी मेरे पास होने से इतने संस्थानों का काम संभालना बेहद मुश्किल है। इसकी जानकारी उच्च विभाग को दी गई है। आदेश निरस्त नहीं होता है तो चार्ज ले लिया जाएगा। रेलमगरा के संस्थान में सभी संकायों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराने के साथ प्रशिक्षणार्थियों को निर्धारित उपकरण उपलब्ध कराने के लिए उच्च स्तर पर अवगत कराया है। आशा है शीघ्र ही समस्या का समाधान होगा और संचालन शुरू किया जाएगा।

नीरज नागौरी, संस्था प्रधान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान राजसमंद

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