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उधार में काम चला रहे संस्था प्रधानों को मिलेगी राहत

- जिले के विद्यालयों को मिला 6.34 करोड़ का अनुदान- पहली बार सितम्बर माह में ही शत-प्रतिशत कम्पोजिट ग्रांट की राशि पहुंचेगी स्कूलों तक

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उधार में काम चला रहे संस्था प्रधानों को मिलेगी राहत

उधार में काम चला रहे संस्था प्रधानों को मिलेगी राहत

आईड़ाणा/राजसमंद. समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों को दी जाने वाली स्कूल कम्पोजिट गांट की शत-प्रतिशत राशि पहली बार सितम्बर माह में ही स्कूलों को नसीब हो जाएगी। जिले के 1687 विद्यालयों को 6 करोड़ 34 लाख रुपए की राशि जारी की गई, जिसमें माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के 295 विद्यालयों के लिए 4.32 करोड़ रुपए एवं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के 1392 विद्यालयों के लिए 2.02 करोड़ रुपए की राशि सम्मिलित है। विद्यालयों में नामांकन संख्या के आधार पर मिलने वाली कम्पोजिट ग्रांट की राशि की शुरूआत सत्र 2018-19 से शुरू हुई थी, लेकिन विगत दो वर्षो में यह राशि 50 प्रतिशत, 25 प्रतिशत, 25 प्रतिशत की किस्तों में विद्यालयों तक सत्रांत तक पहुंचती थी। इससे विद्यालयों का खर्च उधारी में चलता रहता था।
स्कूल कंपोजित ग्रांट की राशि संस्था प्रधान सामान्य शैक्षिक, सह-शैक्षिक, भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति व स्कूल स्वच्छता एक्शन प्लान के लिए उपयोग करते हैं। यह अनुदान डाइट डाटा के गत वर्ष के नामांक के अनुसार विद्यालयों को देय है, जो कि शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग के स्कूलों, केजीबीवी, संस्कृत शिक्षा, शिक्षाकर्मी बोर्ड व समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों को मिलती है।

इस बार सीबीईओ के जरिए पहुंचेगी
यह राशि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों को भेजी गई, जहां से यह स्कूलो तक पहुंचेगी। इससे पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में यह राशि पीईईओ तथा शहरी क्षेत्र में सीधे ही विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के बैंक खाते में जमा होती थी। जिसे विद्यालय तक पहुचने में महिनों लग जाते थे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में सभी स्कूलों को स्कूल फैसेलिटी ग्रांट के नाम ने 5 हजार से 10 हजार की राशि ही मिलती थी। इससे विद्यालयों को बहुत दिक्कत होती थी। इस पर 2018-19 वर्ष से नामांकन के आधार पर यह राशि देना तय किया गया।

इन पर खर्च होती है राशि
संस्था प्रधान स्कूल कम्पोजिट ग्रांट को उपकरणों की मरम्मत, दरी-पट्टी, ब्लैकबोर्ड मरम्मत, ग्रीन बोर्ड, आदमकद शीशा, कर्मचारियों के फोटोयुक्त विवरण, चॉक-डस्टर, परीक्षा स्टेशनरी, विद्युत व पेयजल, विज्ञान-गणित किट, प्रतियोगिताओं के आयोजन, खेल सामग्री, शिक्षण-अधिगम सामग्री, इंटरनेट व अन्य छात्रहित कामों पर खर्च कर सकते हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार कम्पोजिट ग्रांट में से 10 प्रतिशत स्वच्छता मद की राशि में से कोरोना महामारी के तहत स्कूलों में सेनेटाइजर आदि खरीदने में भी खर्च की जा सकेगी।

स्कूलों को इस अनुपात में मिलती राशि
छात्र संख्या --- राशि रुपयों में
1 से 15 --- 12500
16 से 100 --- 25000
101 से 250 --- 50000
251 से 1000 --- 75000
1000 से अधिक --- 100000

ब्लॉकवार प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मिली राशि
ब्लॉक --- विद्यालयों की संख्या --- कम्पोजिट ग्रांट राशि
आमेट --- 131 --- 3912500
भीम --- 267 --- 8550000
देवगढ़ --- 151 --- 5037500
खमनोर --- 289 --- 8350000
कुम्भलगढ़ --- 246 --- 7287500
रेलमगरा --- 120 --- 3825000
राजसमंद --- 188 --- 6237500

ब्लॉकवार माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मिली राशि
ब्लॉक --- विद्यालयों की संख्या --- कम्पोजिट ग्रांट राशि
आमेट --- 33 --- 2125000
भीम --- 39 --- 2875000
देवगढ --- 27 --- 1875000
खमनोर --- 68 --- 4525000
कुम्भलगढ़ --- 47 --- 3250000
रेलमगरा --- 35 --- 2350000
राजसमंद --- 46 --- 3200000

31 मार्च से पहले देनी होती है यूसी
समग्र शिक्षा अभियान की ओर से दी जाने वाली स्कूल कम्पोजिट ग्रांट की राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र वित्तीय वर्ष खत्म होने से पूर्व देना होता है। पूर्व में यह राशि समय पर विद्यालयों में नहीं पहुंचती थी। ऐसे में यूसी देने के चक्कर में 31 मार्च से पूर्व ये राशि आनन-फानन में खर्च की जाती थी। जबकि बची हुई राशि वापस विभाग को भेजनी होती थी। ऐसे में विद्यालयों का बैंक खाता 31 मार्च को ही खाली हो जाता है व खर्च के लिए कई माह तक विभाग की ओर तकना पड़ता था।

इनका कहना
कम्पोजिट ग्रांट की शत-प्रतिशत राशि संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के खाते में स्थानान्तरित कर दी गई है। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से ये राशि संबंधित स्कूलों को स्थानान्तरित की जाएगी।
- नारायणसिंह चुण्डावत, प्रभारी एवं कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान, राजसमंद