सरकार की ओर से राष्ट्रीय उद्यान के लिए भूमि अवाप्ति आदि प्रक्रिया के लिए पहले ही 6 करोड़ जारी कर चुकी है। वन विभाग के अनुसार इसमें 19.36 वर्गकिमी पाली एवं ८७ वर्गकिमी उदयपुर जिले में जमीन आ रही है। शेष जमीन राजसमंद जिले की है। इसके अन्तर्गत आने वाले गांवों की रहवासी और कृषि आदि की भूमि को अवाप्त किया जाना है। इसके बदले डीएलसी दर पर मुआवजा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय उद्यान के बनने से कुंभलगढ़ टाइगर रिर्जव के लिए फायदेमंद साबित होगा। वर्तमान में ग्रासलैंड और वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है।
आपत्तियां मांगी, उदयपुर और पाली को फिर लिखेंगे पत्र
कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अन्तर्गत आने वाले ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की जानी है। कुंभलगढ़ के उपखण्ड अधिकारी को भूमि अवाप्ति अधिकारी बनाया गया था। उन्होंने पिछले माह सूचना जारी कर आपत्तियां मांगी है। आपत्तियां आने पर उनका निस्तारण कर अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। वहीं उदयपुर और पाली के लिए फिर से पत्र लिखा जाएगा।
– डॉ. आलोक गुप्ता, उपवन संरक्षक, वन विभाग राजसमंद