पंजीयन के लिए किसान का समिति का सदस्य होना आवश्यक है। उसे केन्द्रीय बैंक की शाखा या संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति में जाकर नि:शुल्क आवेदन फॉर्म लेना होगा। फिर ऋण माफी पोर्टल पर रिकॉर्ड का परीक्षण, अवधिपार ऋणी सदस्य का भी पंजीयन कराना होगा। यूनिक आवेदन क्रमांक से मिलेगी खाते की सम्पूर्ण जानकारी। पंजीयन ई मित्र केन्द्रों पर कराया जा सकेगा, जिसका शुल्क 25 रुपए निर्धारित किया गया है।
किसान को बैंक की शाखा, समिति, बीसी या ई- मित्र केन्द्र पर आधार आधारित अभिप्रमाणन करवाना होगा। फिर स्वीकृत ऋण डीएमआर में अंकित होगा और किसान के मोबाइल पर संदेश मिलेगा। अवधिपार ऋणी को बैंक व विभागीय जांच के बाद ही ऋण मिल पाएगा। किसान की साख सीमा भी ऑनलाइन ही जारी होगी। बैंक मंजूर होने के बाद कोई भी किसान एटीएम कार्ड या बीसी से पैसा निकलवा सकेंगे।
खरीफ सीजन के लिए प्रतिवर्ष किसानों को 1 अपे्रल से अल्पकालीन फसली ऋण मिलने लग जाता है। इस बार ऑनलाइन पोर्टल शुरू होने के कारण ऋण वितरण की प्रक्रिया देर से शुरू हुई। हालांकि सरकार ने सहकारी फसली ऋण पोर्टल की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए समस्त ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को वीडियो कॉन्फेें्रसिंग के जरिये पहले ही निर्देशित कर दिया है।
प्रथम चरण में नियमित फसली ऋण चुकाने वाले सदस्य किसानों का ग्राम सेवा सहकारी समितियों से पंजीयन के आवेदन मिलेंगे। इसमें किसान आवश्यक सूचनाएं भर कर संबंधित समिति या ई मित्र केन्द्र से सहकारी फसली ऋण पोर्टल पर पंजीयन कराएगा। अल्पकालीन फसली ऋण के लिए आवेदन करने से पूर्व किसान को समिति का सदस्य होना जरूरी है। इसके अतिरिक्त आवेदन पत्र में किसान के नाम पर जमाबंदी के आधार पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि का विवरण, रबी एवं खरीफ सीजन में बोई जाने वाली फसल का विवरण के साथ साथ समिति तथा अन्य बैंक व संस्थाओं से लिए गए या स्वीकृत हुए ऋण की जानकारी दर्ज होगी। इसके अलाा द्वितीय चरण में नए सदस्य किसानों एवं अवधिपार ऋणी किसानों के आवेदन का पंजीयन होगा। सरकार ने इस बार प्रदेशभर में 10 लाख नए सदस्य किसानों को ऋण वितरण का लक्ष्य तय किया है।
योजना में पंजीयन के दौरान किसान द्वारा बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ऋण माफी योजना 2018 व 2019 के लाभान्वित किसान के ऋण माफी के पोर्टल पर उपलब्ध रिकॉर्ड का परीक्षण होगा। किसान का पंजीयन होने पर उसके अधिकृत मोबाइल पर मैसेज से सूचित किया जाएगा तथा रसीद दी जाएगी। जिस पर यूनिक आवेदन क्रमांक अंकित होगा। इस क्रमांक का उपयोग किसानों द्वारा भविष्य में समिति, बैंक से व्यवहार या सेवा के लिए किया जा सकेगा।
ऋण की पारदर्शी व्यवस्था
ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित होने वाला ऋण इस बार सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगा। समिति का कार्य कम हुआ है, मगर समिति के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं है। ऑनलाइन पंजीयन के बाद ऋण वितरण व्यवस्था पारदर्शी है, जिससे किसानों का सहकारी बैंक के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
गणपत सोनी, प्रबंधक उदयपुर सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक शाखा कांकरोली