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Baal vivaah : यहां हो रहा था बालविवाह, उसे रुकवाकर परिजनों को किया पाबंद

बाल विवाह रुकवाकर परिजनों को किया पाबंद

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Child marriage

Child marriage

राजसमंद. बाल विवाह रोकथाम अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन एवं चाइल्ड लाइन के संयुक्त प्रयास से खमनोर क्षेत्र के सगरूण गांव में बाल विवाह को रूकवाया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के फ्रंट ऑफि स पर अज्ञात व्यक्ति ने 4 फरवरी को सूचना दी कि खमनोर क्षेत्र के सगरूण गांव में 5 फरवरी को बाल विवाह होने वाला है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चाइल्ड लाईन एवं खमनौर के तहसीलदार को बाल विवाह को रुकवाने के निर्देश दिए।
इस पर विवाह स्थल पर स्थानीय पटवारी मय जाप्ता पहुंचकर बालिका के जन्म तिथि सबंधी दस्तावेजों का जांच कर बालिका के नाबालिग होने का सत्यापन कर बाल विवाह को रूकवाया गया। बालिका के माता-पिता को बालिका 18 साल पूर्ण होने के पश्चात ही विवाह करने के लिए पांबद किया।
बालिका को मिला सहारा
राजसमंद. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं चाइल्ड लाइन के प्रयास से बालिका को बालिका गृह में सहारा मिला। एक 16 वर्षीय किशोरी ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देवगढ़ के समक्ष प्रस्तुत होकर बताया कि उसके परिवारजन जबरदस्ती उसकी शादी करवाना चाहते, परंतु वह अभी पढऩा चाहती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव ने चाइल्ड लाइन को बालिका की काउसलिंग करने के निर्देश दिए। चाईल्ड लाईन टीम ने किशोरी की काउसंलिंग की। जिस पर बालिका ने परिजनों के साथ जाने से इंकार कर दिया। इस पर किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उसे बालिका गृह में अस्थायी आश्रय दिया। उल्लेखनीय है कि आदिवासी क्षेत्रों में बाल विवाह का अधिक बोलबाला है। इसका सबसे बड़ा कारण अशिक्षा कहा जा सकता है।