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राजसमंद बनेगा राजस्थान में नई पहल का गवाह, 15 हजार बच्चों का होगा साइकोमेट्रिक टेस्ट

ज़िला प्रशासन ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ऐसा अभिनव कदम उठाया है, जो पूरे प्रदेश के लिए मिसाल साबित हो सकता है।

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Umang Abhiyaan 2025

Umang Abhiyaan 2025

राजसमंद.ज़िला प्रशासन ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ऐसा अभिनव कदम उठाया है, जो पूरे प्रदेश के लिए मिसाल साबित हो सकता है। ज़िला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान का नाम है ‘उमंग’। यह पहल खास इसलिए है क्योंकि इसमें पहली बार ज़िले के 15 हज़ार से अधिक बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट कराया जाएगा। इसके तहत हर बच्चे को उसकी असली ताकत, रुचियां और योग्यताएं समझने का अवसर देना, ताकि वे अपने भविष्य की राह खुद तय कर सकें। राजसमंद की यह अनूठी पहल आने वाले समय में प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शिक्षा और करियर मार्गदर्शन का नया मॉडल साबित हो सकती है।

आखिर क्या है साइकोमेट्रिकटेस्ट?

साइकोमेट्रिक टेस्ट कोई साधारण परीक्षा नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक पद्धति है। इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक दुनिया को समझा जा सकता है। इस टेस्ट से पता चलता है—

  • - बच्चे की मानसिक क्षमताएं
  • - उसकी सोचने की शैली
  • - निर्णय लेने की योग्यता
  • - व्यक्तित्व की विशेषताएँ
  • - रुचियां और झुकाव
  • - भावनात्मक परिपक्वता
  • - उसकी व्यवहारिक प्रवृत्तियां

आमतौर पर ऐसे टेस्ट का इस्तेमाल शिक्षा, करियर गाइडेंस, नौकरी चयन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। अब यही पद्धति राजसमंद के बच्चों के सपनों को दिशा देगी।

राजसमंद की अनूठी पहल

यह पहला मौका है जब किसी ज़िले में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट किया जा रहा है। इस पूरे अभियान की सीधी निगरानी स्वयं कलक्टर अरुण कुमार हसीजा करेंगे। उनका मानना है कि “हर बच्चे में कोई न कोई विलक्षण प्रतिभा होती है। अगर वे अपनी क्षमताओं को सही समय पर पहचान लें, तो निश्चित ही सफलता उनके कदम चूमेगी। इस अभियान में ‘रिमार्केबलएजुकेशन’ संस्थान प्रशासन का सहयोगी बना है।

बच्चों को मिलेगा नया आत्मविश्वास

इस प्रयास से बच्चों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उन्हें अपनी पढ़ाई और करियर किस दिशा में ले जाना चाहिए।

  • - कोई विज्ञान में अपना भविष्य तलाश पाएगा
  • - कोई कला या वाणिज्य की ओर बढ़ेगा,
  • - कोई प्रशासनिक सेवाओं का सपना देखेगा,
  • - कोई अंतरिक्ष विज्ञान, खेल या शोध के क्षेत्र में कदम बढ़ाएगा।

यानी, ‘उमंग’ सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और भविष्य को संवारने वाला अभियान है।

अभियान की शुरूआत

महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजनगर में अभियान का शुभारंभ हुआ। इस दौरान विधायक दीप्ति माहेश्वरी वर्चुअल जुड़ी। जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, डॉ प्राची गौड़, एडीपीसी घनश्याम गौड़, सीबीईओ उषा टैलर आदि मौजूद रहे। इस दौरान पुस्तिका 'सही सलाह, सफलता की राह' का भी विमोचन किया गया।