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लोकसेवक से मारपीट के आरोपी को अब भुगतनी पड़ेगी यह सजा…पढ़े पूरा मामला

राजसमंद. लोक सेवक से मारपीट करने व जातिगत शब्दों से अपमानित करने के आरोपी को एससी-एसटी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने पांच वर्ष के कारावास तथा 40,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया गया।

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लोकसेवक से मारपीट के आरोपी को अब भुगतनी पड़ेगी यह सजा...पढ़े पूरा मामला

पुलिस गिरफ्त में लोकसेवक से मारपीट का आरोपी

विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने बताया की परिवादी सूरजमल कुलदीप ने 15 जून 2020 को भीम पुलिस थाने में रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि परिवादी कार्यालय सहायक अभियंता एवीवीएनएल में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। वे 14 जून 2020 को सांयकालीन फोन पर विद्युत समस्या निवारण के लिए शिकायत आई थी। इस पर 15 जून को शिकायत निवारण के लिए परिवादी मंगरा का तालाब पहुंचा। वहां पर विद्युत सप्लाई चालू पाई गई एवं उपभोक्ता आंकड़े डालकर विद्युत चोरी कर रहा था, इस दौरान तरुण सिंह ने परिवादी के साथ जातिगत गाली गलोच करते हुए मारपीट की और राजकार्य में बाधा पहुंचाई। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना भीम ने प्रकरण पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान किया और अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक ब्रजवासी ने 09 गवाह तथा 16 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त तरुण सिंह पिता गजेंद्र सिंह निवासी मगरा का तालाब पुलिस थाना भीम को दोषसिद्ध घोषित करते हुए पांच वर्ष का कारावास तथा 40,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया गया।

यह की न्यायालय ने टिप्पणी
अभियुक्त एक लोक सेवक को जो की जनता की समस्या का निवारण करने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था। विधि विरूद्ध रूप से बिजली की एलटी लाइन में आंकड़े डालकर विद्युत चोरी का अपराध करने पर परिवादी की ओर से मात्र फोटो लेनी चाहने पर अभियुक्त ने लोक सेवक/परिवादी के साथ थप्पड़ों से मारपीट कर व उसे जातिसूचक अपशब्दों से अपमानित व अभित्रस्त करना निश्चित रूप से एक गंभीर प्रकृति का अपराध है। यदि इस प्रकृति के अपराधों में अभियुक्त के साथ नरमी बरती जाती है तो यह निश्चित रूप से लोक सेवक को अपने कर्तव्यों का स्वतंत्र रूप से निर्वहन करने में हतोत्साहित करने जैसा होगा।