जानकारों के अनुसार एक जून से लेकर 30 सितम्बर तक औसत 798.18 एमएम बारिश हुई है। इसमें आमेट में 863 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसी प्रकार भीम में 593, देलवाड़ा में 697, देवगढ़ में 868, गढ़बोर में 1015, खमनोर में 794, केलवाड़ा में 948, कुंवारिया 759, नाथद्वारा में 725, रेलमगरा 781 और राजसमंद में 737 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
बिपरजॉय के कारण बढ़ा जलस्तर
पिछले साल बिपरजॉय तूफान के चलते झमाझम बारिश हुई है। मानसून की भी अच्छी बारिश होने के कारण जिले के 25 जलाशयों में सिर्फ छह जलाशयों में पानी की आवक नहीं हुई है। इसमें से अधिकांश जलाशय भीम के है। अच्छी बारिश के कारण राजसमंद झील, देवगढ़ का कुंडली तालाब, नाथद्वारा का नंदसमंद बांध, चिकलवास बांध, देवगढ़ का नीमझर, नाथद्वारा का कुंठवा बियर और नाथद्वारा का बागेरी का नाका ओवर फ्लो हो गया था। इसी प्रकार गोमती नदी के लगातार चलने, खारी फीडर से पानी की आवक होने और बनास नदी के बहने के कारण आस-पास के कुएं और तालाब आदि रिचार्ज हो गए हैं।
भू-जल विभाग की ओर से बारिश के बाद 289 स्थानों पर सर्वे किया गया। इसमें 8.65 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। इसमें सर्वाधिक आमेट में 13.40 और कुभलगढ़ में 11.83 मीटर भू-जल स्तर की बढ़ोतरी हुई। विभाग की ओर 174 कुएं और 115 स्थानों पर लगे पीजियोमीटर से भू-जल स्तर की जांच की गई है।
नहीं होगी पानी की दिक्कत कंटीजेंसी प्लान कर रहे तैयार
गर्मी के दौरान जिले में कहीं भी पेयजल किल्लत नहीं होगी। आमेट और देवगढ़ में 2-3 दिन में पेयजल आपूर्ति की जाएगी। भीम के बार उप तहसील की सात पंचयतों एवं जहां पर किल्लत हो सकती है उसके लिए कंटीजेंसी प्लान बनाया जा रहा है। वहां पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
– शिवदयाल मीणा, एसई जलदाय विभाग राजसमंद