क्या था मामला?
दरअसल, कुंवारिया विद्युत सब स्टेशन से लालपुर गांव तक बिजली की लाइन बिछाने के लिए विद्युत निगम के ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा था। इस दौरान, एनएचआई द्वारा अधिगृहीत भूमि पर बिजली के खंभे लगाए जा रहे थे, जो कि बिना पूर्व अनुमति के था और फोरलेन निर्माण में विघ्न डालने वाला था। एनएचआई के प्रतीक्षालय के पास, कुंवारिया बायपास के क्षेत्र में इस काम को बिना एनएचआई की मंजूरी के अंजाम दिया जा रहा था, जिस पर एनएचआई के कर्मचारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस कार्य को रुकवाया था। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि फोरलेन परियोजना में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए और भूमि का सही उपयोग हो।
फिर क्या हुआ?
हालांकि, इसके बाद विद्युत निगम के ठेकेदार ने सोमवार को फिर से इस कार्य को शुरू किया। उन्होंने खुदाई करके बिजली की लाइन को भूमिगत रूप से बिछाने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी। यह कार्य एनएचआई की अवाप्त भूमि पर किया जा रहा था, जिस पर एक बार फिर से एनएचआई के कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिली। तत्काल एनएचआई के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर इस कार्य को रोक दिया और बिजली की भूमिगत लाइन को अवाप्त भूमि से हटा दिया। एनएचआई ने यह सुनिश्चित किया कि उनके द्वारा अधिगृहीत भूमि का गलत उपयोग न हो और फोरलेन निर्माण परियोजना में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो।