22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पानी का उपयोग भरपूर, बिल जमा कराने में हो रही न ‘नुकूर’

- जिले में पेयजल आपूर्ति के करीब 5 करोड़ का चल रहा बकाया, शहरों में नहीं हो रही मीटर रीडिंग, औसत बिलों से चल रहा काम

2 min read
Google source verification
पानी का उपयोग भरपूर, बिल जमा कराने में हो रही न 'नुकूर'

पानी का उपयोग भरपूर, बिल जमा कराने में हो रही न 'नुकूर'

राजसमंद. जिले में पेयजल उपभोक्ताओं की ओर से पानी का बिल जमा नहीं कराया जा रहा है। इसके कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का करीब 5 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों का करीब 1.85 करोड़ रुपए पुराना बकाया बताया जा रहा है।
जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की जाती है। इस आपूर्ति के बदले उपभोक्ताओं को बिल भरना होता है। पानी का बिल भी नाममात्र का आता है। इसके बावजूद उपभोक्ता समय पर पानी का बिल जमा नहीं कराते है। इसके कारण बकाया जिले का बकाया बिल 5 करोड़ के करीब पहुंच गया है। इसमें राजसमंद और आमेट उपखण्ड में आने वाले शहरी क्षेत्रों का बकाया करीब सवा तीन करोड़ रुपए है। इसके बावजूद जलदाय विभाग की ओर से इसके लिए वसूली के लिए कोई खास प्रयास नहीं कर किए जा रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के बिल सरकार पहले ही माफ कर चुकी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पुराना बकाया चल रहा है। उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन किए जा रहे हैं। इनका काम भी जारी है।

मीटर रीडिंग का नहीं अता-पता
विभागीय जानकारों के अनुसार जलदाय विभाग की ओर से पहले कर्मचारियों के माध्यम से मीटर की रीडिंग कराई जाती थी, लेकिन कुछ वर्षो से यह कार्य भी ठेके पर दे दिया गया। ऐसे में अब घरों में लगे पानी के मीटरों की रीडिंग भी नहीं हो रही है, जबकि बिल औसत के आधार पर भेजा जा रहा है। यह भी उपभोक्ताओं को नियमित रूप से उपलब्ध भी नहीं कराए जा रहे हैं। इसके कारण बिल जमा भी नहीं हो रहे है। इसमें मुख्य बात यह है कि कितनों पानी के मीटर चालू अथवा बंद है इसकी जानकारी भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। जिले के शहरी क्षेत्रों में इस वर्ष का बकाया 143 लाख हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने 15 दिन से भी कम समय बचा है। ऐसे में इस वर्ष भी नाममात्र की बकाया वसूली के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाएगी।
फैक्ट फाइल
- 33,815 जिले के शहरी क्षेत्रों में कनेक्शन
- 39,740 जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्शन
- 474 कनेक्शन जिले के औद्योगिक क्षेत्रों के
- 327 लाख जिले के शहरी क्षेत्र का बकाया
- 184 लाख ग्रामीण क्षेत्र का पिछले सालों का बकाया
बकाया वसूली के लिए किए जा रहे प्रयास
जिले में करीब सवा तीन करोड़ का बकाया चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों का बकाया पुराना है। बकाया वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी को निर्देश दिए गए हैं।
- शिवदयाल मीणा, एसई, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग राजसमंद
------------