
हिमांशु धवल @ राजसमंद. ग्लोबल वार्मिंग मौसम पर दिखाई देने लगा है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते मई माह में अब तक प्रतिदिन मौसम में बदलाव देखने को मिला है। तापमान में गिरावट के चलते राजसमंद सर्कल में बिजली का उपभोग पिछले साल मई माह के मुकाबले इस बार अब तक 44.70 लाख यूनिट कम हुआ है। इससे बिजली की बचत हुई है। प्रदेश में वैशाख माह में गर्मी का दौर शुरू हो जाता है। इसके कारण बिजली की डिमांड भी बढ़ती है। डिस्कॉम प्रशासन की ओर से वैशाख और ज्येष्ठ माह में बिजली की आपूर्ति को नियमित बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्त करनी पड़ती है। अप्रेल में गर्मी ने अपना रौद्ध रूप दिखाना शुरू कर दिया था। तापमान भी 44-45 डिग्री तक पहुंचने लगा था, लेकिन मई माह की शुरुआत से लेकर अब तक पश्चिमी विक्षोभों के चलते मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। बादलों की लुकाछिपी के साथ बारिश होने के कारण तापमान में गिरावट आई है। इसके कारण बिजली की डिमांड घट गई। तापमान में गिरावट के चलते कूलर और एसी का संचालन नाममात्र का रह गया है। इस माह में अभी तक राजसमंद सर्किल में 44.70 लाख यूनिट बिजली की खपत कम हुई है।
अजमेर विद्युत वितरण निमग की ओर से औद्योगिक और घरेलू कनेक्शनों से बिजली उपलब्ध कराई है। जिले में इंडस्ट्रीज संख्या काफी है। घरेलू और कृषि कनेक्शन भी काफी है। इसके चलते पिछले साल मई 2024 में 12 मई तक 470.90 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई थी, लेकिन इस बार अब तक 424.04 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले 44.70 लाख यूनिट कम है। मौसम ऐसा ही बना रहने पर आगामी दिनों में भी डिमांड कम होने की संभावना जताई जा रही है।
जिले में सात हजार के करीब औद्योगिक कनेक्शन है। जिले में सर्वाधिक माइनिंग एरिया होने के साथ ही मार्बल, गैंगसा और कटर आदि लगे हुए है। इसके साथ ही अन्य औद्योगिक कनेक्शन भी है। ऐसे में जिले में जो बिजली की खपत होती है उसमें से 50 से 55 प्रतिशत इंडस्ट्रीज के उपयोग होती है। इसके अलावा शेष बिजली कृषि और घरेलू उपयोग में आती है।
पिछले कुछ समय से जो मौसम चल रहा है, इसके कारण बिजली की डिमांड कम हुई है। पिछले साल मई माह के मुकाबले इस माह अब तक 44 लाख यूनिट से अधिक बिजली की बचत हुई है।
Updated on:
14 May 2025 11:25 am
Published on:
14 May 2025 11:24 am
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