
राजसमंद. जिले में गेहूं-जौ और चना की फसल पककर तैयार हो गई है। पिछले कुछ दिनों से फसलों की कटाई का दौर शुरू हो गया है। हालांकि अभी अगेती फसलों की कटाई हो रही है, जबकि होली के बाद पछैती फसलों की कटाई प्रारंभ होगी। जिले में इस बार रबी फसल की करीब 58 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई है। रबी की फसल खेतों में लहलहा रही है। गेहूं और जौ की फसल पककर तैयार होने के कारण दूर-दूर तक खेतों में पीलापन छाया हुआ है। काश्तकार ने अगेती फसलों की कटाई शुरू कर दी है। काश्तकार फसलों की कटाई के बाद उसे सूखने के लिए खेतों में छोड़ रहे हैं। इसके सूखने के बाद आगामी दिनों में गेहूं की बालियों में गेहूं और जौ आदि निकाला जाएगा। अगेती फसल काफी कम है। वहीं पछैती फसल भी पककर तैयार हो गई है। जिले में 15 मार्च के बाद गेहूं और जौ फसलों की कटाई शुरू होती है। ऐसे में होली के बाद फसलों की कटाई में और तेजी आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इस बार अच्छी बारिश होने और फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहने के कारण अच्छी पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है।
जिले में कृषि विभाग के अनुसार इस बार 58 हजार हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हुई। इसमें गेहूं की फसल 33,963 हेक्टेयर में बुवाई हुई है। इसी प्रकार जौ 7812 हेक्टेयर एवं 5820 हेक्टेयर में चना फसल की बुवाई की गई। कृषि विभाग के अनुसार अभी तक सरसों की 80-90 प्रतिशत, तारामीरा 80-90, चना में 10, गेहूं में 10 और जौ की 20 प्रतिशत की कटाई हो चुकी है।
राजसमंद झील से राजसमंद के 45 गांवों की 10,144 हेक्टेयर और नाथद्वारा के 7 गांवों में 467 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। झील से निकलने वाली बायीं नहर को 3 मार्च को खोला गया है। इससे 26 दिनों तक पानी की निकासी जारी रहेगी। इससे पछैती फसलों में अंतिम सिंचाई की जा रही है। इसके बाद फसलों की कटाई की जाएगी।
Published on:
12 Mar 2025 11:08 am
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