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(रामगढ़,पलामू): झारखंड में सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर पारा शिक्षक आंदोलनरत है। अपनी मांगों को समर्थन में झारखंड स्थापना दिवस पर विरोध प्रदर्शन , लाठीचार्ज और सैकड़ों पारा शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद राज्यभर के पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है। राज्य के करीब 65 हजार पारा शिक्षकों में से अधिकांश हड़ताल में शामिल है और इनकी ओर से परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जेल भरो अभियान की भी शुरुआत की गयी। वहीं कुछ पारा शिक्षक अपने घर-परिवार को चलाने और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह के आंदोलन से दूर रहना चाहते है। लेकिन हड़ताल पर गये पारा शिक्षकों द्वारा काम पर लौटने वाले साथियों को ऐसा करने से रोका जा रहा है।
पलामू जिले में भी आज इसी मुद्दे को लेकर हड़ताली पारा शिक्षक और काम पर वापस लौटने वाले पारा शिक्षक आपस में उलझ गये। बताया गया है कि हड़ताली पारा शिक्षकों ने काम पर लौटने वाले पारा शिक्षकों को सिन्दुर लगाकर और चूड़ी पहना कर अपमानित किया गया। लेकिन ऐसा करने से पुलिस-प्रशासन अंकुश लगाने में सफल नहीं हो सकी।
राज्य सरकार की ओर से इससे पहले ही सभी पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक काम पर लौटने का निर्देश दिया गया था,अन्यथा उन्हें बर्खास्त कर नयी नियुक्तियां शुरू करने और संविदा पर सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य बीएड पास अभ्यर्थियों से सेवा लेने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा इन्हें दिये गये अल्टीमेटम की अवधि समाप्त हो गयी है। इसके बावजूद पारा शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वहीं हड़ताली पारा शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन तेज करने का संकेत दिया है।
Published on:
21 Nov 2018 08:04 pm
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