
आजम खान ने इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए भेजा था इस्तीफा, जानिए उनके बारे में खास बातें
रामपुर। अपने बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश की काफी सीटों पर कब्जा जमाया, तब आजम खान (Azam Khan) ने रामपुर लोकसभा सीट पर गठबंधन (सपा-बसपा-रालोद) का परचम लहराया। आजम खान (Azam Khan) सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।
रामपुर में हुई प्रारंभिक शिक्षा
विकीपीडिया के अनुसार, आजम खान का जन्म 14 अगस्त 1948 को रामपुर के मोहल्ला घायर मीर बाज खान में हुआ था। उनके पिता का नाम मुमताज खान है। सपा नेता की प्रारंभिक शिक्षा रामपुर में ही हुई है। उन्होंने बाकर स्कूल में अपनी पढ़ाई की। हुई। 1974 में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एलएलबी की। राजनीति में आने से पहले वह वकालत भी कर चुके हैं।
1980 में सबसे पहले बने विधायक
आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से नौ बार विधायक चुने गए हैं। सबसे पहले 1980 के विधानसभा चुनाव में वह विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1985, 1989, 1991, 1993, 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक बने। इस बीच वह उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनको रामपुर में पहली और आखिरी हार 1996 के विधानसभा चुनाव में मिली थी। उस चुनाव में कांग्रेस के अफरोज अली खान से आजम को हराया था।
राजनीति की शुरुआत
आजम के राजनीतिक करियर की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हुई थी। 1976 में उन्होंने जनता पार्टी ज्वॉइन की। 1980 में उन्होंने अपना पहला चुनाव भी जनता पार्टी (सेक्यूलर) के टिकट पर जीता था। इसके बाद उन्होंने लोक दल के टिकट पर 1985 का चुनाव जीता। 1991 का विधानसभा चुनाव उन्होंने जनता दल के टिकट पर लड़ा था। 1991 के विधानसभा चुनाव में वह जनता पार्टी में थे। इसके बाद उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उनका रामपुर में दबदबा माना जाता है। 17 मई 2009 को उन्होंने पार्टी पदाधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था।
2017 के विधानसभा चुनाव
2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनको आपत्तिजनक बयान देने पर पार्टी से 6 साल से निकाल दिया गया था लेकिन कहा यह भी जाता है कि आजम खान ने खुद इस्तीफा दिया था। 4 दिसंबर 2010 को पार्टी ने यह आदेश वापस लिया और आजम खान ने दोबारा सपा ज्वाइन की थी। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने रामपुर से नौवीं बार जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने स्वार टांडा से जीत हासिल की थी।
2019 के लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन हुआ। रामपुर लोकसभा सीट सपा के खाते में गई और आजम खान को यहां से टिकट दिया गया। इस चुनाव में उनके खिलाफ भाजपा ने फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को उतारा। चुनाव के दौरान आजम खान पर 14 केस भी दर्ज हुए। साथ ही आपत्तिजनक बयान देने पर चुनाव आयोग ने उन पर दो बार प्रतिबंध भी लगाया। चुनाव परिणाम उनके पक्ष में आए। रामपुर लोकसभा सीट से आजम खान ने जया प्रदा को 1.10 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने रामपुर के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। अब यहां पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सपा यहां से अपना उम्मीदवार बिना आजम खान से सलाह मशविरा करे नहीं उतारेगी।
कुंभ मेले में हुए हादसे की ली थी नैतिक जिम्मेदारी
एक बार कुंभ मेले के दौरान आजम खान ने नैतिकता को देखते हुए मेले के प्रभारी पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। बात 2013 की है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कुंभ मेले का चेयरमैन बनाया था। इलाहाबाद कुंभ मेले के दौरान रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आजम खान ने मेले के प्रभारी पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, उनके इस्तीफे को अखिलेश यादव ने स्वीकार नहीं किया था।
परिवार
आजम खान ने 1981 में तंजीन फातिमा से शादी की थी। तंजीन फातिमा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं। उनके दो बेटे आदिब आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान हैं। अब्दुल्ला आजम खान इस समय स्वार टांडा से विधायक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में आयोग को दिए शपथ पत्र में आजम ने अपनी उम्र 64 साल बताई है जबकि उनकी कुल संपित्त करीब 4.61 करोड़ रुपये है।
Published on:
10 Jun 2019 03:05 pm
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