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तीन तलाक पीड़िता की पुलिस नहीं लिख रही रिपोर्ट, दो माह से काट रही है थाने के चक्कर

आल्टो कार और 2 लाख नकद नहीं देने पर पत्नी को दिया तलाक पीड़िता दो महीने से आरोपी पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए काट रही चक्कर शरई अदालत नहीं जाना चाहती है पीड़िता, बोलीं- लोग नहीं मानते हैं ‌वहां का फैसला

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तीन तलाक पीड़िता की पुलिस नहीं लिख रही रिपोर्ट, दो माह से काट रही है थाने के चक्कर

रामपुर. एक तलाक पीड़िता महिला न्याय पाने के लिए दो महीने से आरोपी पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानों और पुलिस के बड़े अफसरान के यहां अपनी फरियाद लेकर चक्कर काट रही है। लेकिन, पुलिस के अफसरान उनकी शिकायत पर एफआईआर तक दर्ज नही कर रहे हैं। इसी सिलसिले में मंगलवार को पीड़िता एसपी के ऑफिस पहुंची, लेकिन उन्हें एसपी भी कार्यालय में नहीं मिले। कार्यालय में मिले पुलिस के अफसरों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए थाना अजीमगर भेज दिया।

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पीड़िता बोली
पीड़िता ने बताया कि वह थाना अजीमनगर के गांव की रहने वाली है। 24 अप्रैल 2011 को इस्लामी रीति रिवाज के साथ सईद शाह के साथ मेरा निकाह हु जिससे एक बेटा भी पैदा हुआ है। वह निकाह के बाद से ही लगातार आल्टो कार और 2 लाख नगद रुपए की मांग करता रहा। पैसे नहीं देने पर वह लगातार मारपीट करता रहा। इसके बाद 10 मई 2019 को पति ने ***** पकड़कर लातो-घूसों से जमकर पीटा। महिला का आरोप है कि इस दौरान उसने मेरे कपड़ फाड़ दिए। बाद में तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। तभी से वह अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगा रही हैं, पर पुलिस है कि पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर तक दर्ज नहीं कर रही है।

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पुलिस बोली, शिकायत मिलने पर जांच कराई
अजीमगर थाना प्रभारी राजीव कुमार से इस मामले में जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि पीड़िता जैसे ही थाने आएगी, तत्काल उसके प्रार्थना पत्र पर जांच करके मुकदमा लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पीड़िता अभी थाने नहीं आई हैं।

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शरई अदालत नहीं जाना चाहती है पीड़िता
तीन तलाक पीड़िता ने कहा कि मुझे शरई अदालत पर बिल्कुल भरोस नहीं है, क्योंकि मैंने देखा है कि वहां बहुत केस चल रहे हैं। दोनों को समझाया जाता है, परंतु ज्यादातर लोग नहीं मानते हैं। इसी लिए मैंने सोचा कि अब क्यों ना थाने में अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। लेकिन यहां भी पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं कर रही है।