जिले से बाहर और जिले से जिले में तीन सौ से ज्यादा शिक्षकों के हुए तबादलों से रिलीव और ज्वाइनिंग में ही बीत गए 15 दिन
रतलाम. महज 18 दिन बाद बोर्ड सहित तमाम कक्षाओं की छह माही परीक्षा 1 दिसंबर से शुरू होने जा रही है। इसी बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन तबादलों का पोर्टल खोला तो थोकबंद तबादले स्कूलों में हुए। कई स्कूल तो खाली हो गए और कई स्कूलों में भरमार हो गई। दीगर बात यह है कि तबादलों के बाद रिलीव और ज्वाइन होने में ही 15 दिन का समय गुजर गया तो छह माही परीक्षा पर इसका असर पडऩा निश्चित है। जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा भी मानते हैं कि तबादलों से परिणामों पर विपरित असर पड़ेगा।
परीवीक्षा अवधि भी पूरी नहीं की
नई शिक्षा नीति की सबसे बड़ी खामी यह नजर आई कि इन प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी छूट दी तो छह माह की परीवीक्षा अवधि भी इन्होंने पूरी नहीं की और अपने गृह जिले या तहसील में तबादला करवाकर पहुंच गए। ऐसे जिले में 50 से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं।
यह है नियम
पिछले साल और इस साल नियुक्त हुए प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों की परीवीक्षा अवधि तीन साल की होती है। तीन साल तक उन्हें उसी स्कूल में पढ़ाना हैं जहां उनकी पदस्थापना हुई है। इस अवधि में उन्हें किसी दूसरी जगह नहीं भेजा जा सकता है न उनका ट्रांसफर किया जा सकता है।
जाने वाले ज्यादा, आने वाले कम
तबादलों की एक और कमी सामने आई है। इसके अनुसार जिले से जिले में तो ठीक है लेकिन जिले से बाहर जाने वालों की संख्या 60 फीसदी से ज्यादा रही है जबकि बाहर से जिले में आने वालों की संख्या 40 फीसदी भी नहीं है। ऐसे में स्कूलों में शिक्षकों की और कमी हो गई है।
जिले में इतने तबादले (अनुमानित)
कुल तबादलों की संख्या - 300 से ज्यादा
जिले से जिले में - 200
जिले से बाहर जाने वाले - 60 से ज्यादा
जिले में आने वाले - 40 से भी कम
तबादलों से प्रभाव पड़ेगा
तबादलों से 1 दिसंबर से शुरू होने जा रही छह माही परीक्षा पर विपरित असर पड़ेगा यह तय है। ज्वाइन और रिलीव होने में भी काफी समय लगता है। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है। जिले में करीब 300 के लगभग तबादले हुए हैं।
केसी शर्मा, डीईओ, रतलाम