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रेलवे में निजीकरण नहीं होगा के दावे के बीच डीआरएम कार्यालय की सफाई निजी हाथ में

रेलवे में निजीकरण नहीं होगा, इसका दावा तीन दिन पूर्व ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। रेल संगठन लगातार निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे है।

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 RATLAM DRM

Cleanliness of RATLAM DRM office in private hands

रतलाम . रेलवे में निजीकरण नहीं होगा, इसका दावा तीन दिन पूर्व ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। रेल संगठन लगातार निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे है। इन सब के बीच 1 जुलाई से रतलाम रेल मंडल कार्यालय की सफाई का ठेका दो वर्ष के लिए 38 लाख रुपए में दे दिया गया है। यहां पर ठेकेदार के 15 कर्मचारी सुबह 8 बजे से शाम को 4 बजे तक सफाई का कार्य करेंगे। जबकि यही कार्य सुबह 7 बजे से शाम को 6 बजे तक रेलवे के 12 कर्मचारी करते थे।

बता दे कि वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाईज यूनियन व वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ जैसे संगठन लगातार रेलवे में निजीकरण के खिलाफ है, लेकिन ये दोनों संगठन भी जब डीआरएम कार्यालय की सफाई को ठेके पर देने की निविदा निकली तो एक शब्द विरोध में नहीं बोले। वो भी तब जब अब रेलवे ने इस सफाई को ठेके पर देकर अपने 12 कर्मचारियों को सफाई कार्य से हटा दिया है।

ठेकेदार के कर्मचारी काम करेंगे

सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम को 4 बजकर 30 मिनट तक ठेकेदार के कर्मचारी काम करेंगे। उनकी संख्या 15 होगी। वे कार्यालय के अंदर से लेकर बाहर तक के परिसर में पूर सफाई करेंगे। इतना ही नहीं, एक बार सफाई होने के बद लगातार वे इस कार्य में लगे रहेंगे। विशेषकर वित्त विभाग के पीछे की तरफ जो बार-बार गंदगी होती है, उसको इनको साफ करने में अधिक मेहनत करना होगी। आमतोर पर शनिवार व रविवार को रेलवे में अवकाश होता है। इसके लिए इनको रेल परिसर में लगातार कार्य करना होगा।