
ले में करीब 800 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को हुआ नुकसान
रतलाम। जिले में शुक्रवार की रात हुई ओलावृष्टि ने डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में सैकड़ों हेक्टयर फसलों को तबाह कर दिया है। सबसे ज्यादा नुकसानी गेहूं के साथ ही सब्जी और फलदार फसलों में हुई है। रात को मची तबाही की सूचना पर कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने शनिवार सुबह होते साथ ही प्रशासनिक अमले को खेतों में वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए भेज दिया। कुछ देर की ओलावृष्टि के चलते रतलाम में करीब 800 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की नुकसानी की प्रारंभिक जानकारी सामने आई है।
ओलावृष्टि से नुकसान सिर्फ रतलाम शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण और जावरा व पिपलोदा क्षेत्र के कुछ गांवों में हुई है। ओलावृष्टि से इन क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन गांवों में फसलें बूरी तरह से प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं के साथ मैथी, मटर और फलदार पौधों में एप्पल बेर, अमरूद, अंगूर में हुआ। वहीं चने की फसल में कम नुकसान हुआ है। सुबह जब प्रशासन के साथ कृषि विभाग की टीम खेतों में सर्वे के लिए पहुंची तो फसलें बूरी तरह से प्रभावित नजर आई। एेसे में प्रशासन अब किसानों को नुकसानी से उबारने के लिए उन्हे फसल बीमा के माध्यम से लाभ दिलाने का प्रयास कर रहा है।
कलेक्टर के निर्देश पर लगाई दौड़
जिले भर में हुई वर्षा तथा ओलावृष्टि से नुकसानी के आकलन के लिए कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को फील्ड में भेजा था। इनमें सभी एसडीएम तथा तहसीलदारों को पांच-पांच गांवों में पहुंचकर आकलन करने तथा पटवारियों को सभी गांवों को कवर करने के लिए निर्देशित किया गया था। नुकसानी आकलन रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने देर शाम समीक्षा बैठक भी बुलाई जिसमें उनके द्वारा जिलेभर की वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
सालाखेड़ी-मांगरोल पहुंचे एसडीएम
शहर के आस-पास क्षेत्र में हुई फसलों की नुकसानी की हकीकत जानने के लिए एसडीएम अभिषेक गहलोत और तहसीलदार गोपाल सोनी सहित अन्य अमला ग्राम सालाखेड़ी, मांगरोल, डेरी में पहुंचे और वस्तुस्थिति का जायजा लिया। इसी प्रकार जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति उपलई तथा आस-पास के अन्य गांवों में तहसीलदार और पटवारियों के साथ पहुंचे और हालातों का जायजा लेने के साथ किसानों से चर्चा की।
इन गांवों में अधिक नुकसान
राजस्व अमले की जांच के दौरान जिन गांवों में सर्वाधिक नुकसान हुआ है उनमें बांगरोद, मांगरोल, जड़वासा कला, रूनखेरा, कुआझागर, नेगड़दा, जावरा, सरसी, भूतेड़ा, उपलई आदि है। इसके अतिरिक्त अन्य गांवों में भी नुकसान हुआ है जिसका आंकलन होने के बाद अब किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने की तैयारी प्रशासन के साथ कृषि विभाग ने शुरू कर दी है। नुकसानी को लेकर कृषि विभाग ने बीमा कंपनी के अधिकारियों से चर्चा की जिसके बाद अब वह हकीकत जानने के लिए रतलाम आएंगे।
Published on:
09 Jan 2022 11:40 am
बड़ी खबरें
View Allरतलाम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
