1970 से शुरू किया था निर्माण
नागेश्वर तीर्थ पेढ़ी का निर्माण दीपचंद जैन के मार्गदर्शन में वर्ष 1970 से शुरू हुआ था। तब से यहां अनवरत आज तक मंदिर के चारों तरफ निर्माण चल रहा है। उनके इस कार्य के बाद उन्हें पेढ़ी ट्रस्ट का सचिव बनाया तो आज तक वे सचिव के पद पर ही रहे। पिछले करीब एक साल पहले उनकी तबीयत खराब हुई थी और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया था। तब से वे बीमार ही चल रहे थे। नागेश्वर तीर्थ पेढ़ी को देश और दुनिया में नाम दिलाने में जैन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हर साल यहां लगने वाले मेले में देश और दुनिया से हजारों जैन बंधु आते हैं। उन्होने अपने प्रयासों से ही आलोट में कालेज के लिए दानतादातों से काफी दान दिलवाया और आलोट में जैन समाज के बाहर से आने वाले समाजजनों के ठहरने के लिए बड़ी धर्मशाला भी बनवाई।
नागेश्वर तीर्थ पेढ़ी का निर्माण दीपचंद जैन के मार्गदर्शन में वर्ष 1970 से शुरू हुआ था। तब से यहां अनवरत आज तक मंदिर के चारों तरफ निर्माण चल रहा है। उनके इस कार्य के बाद उन्हें पेढ़ी ट्रस्ट का सचिव बनाया तो आज तक वे सचिव के पद पर ही रहे। पिछले करीब एक साल पहले उनकी तबीयत खराब हुई थी और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया था। तब से वे बीमार ही चल रहे थे। नागेश्वर तीर्थ पेढ़ी को देश और दुनिया में नाम दिलाने में जैन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हर साल यहां लगने वाले मेले में देश और दुनिया से हजारों जैन बंधु आते हैं। उन्होने अपने प्रयासों से ही आलोट में कालेज के लिए दानतादातों से काफी दान दिलवाया और आलोट में जैन समाज के बाहर से आने वाले समाजजनों के ठहरने के लिए बड़ी धर्मशाला भी बनवाई।