Grocery Store - त्योहार के चलते इस बार राहत दे रहे हैं खाद्य पदार्थों के दाम...। यह है कारण...।
रतलाम। कई सालों बाद ऐसा मौका आया है जब आम जनता को महंगाई की मार के बीच थोड़ी राहत देखने को मिलेगी। तेल से लेकर कई खाद्य पदार्थों के दाम में इस बार तेजी देखने को नहीं मिल रही है।
नवरात्र इस बार आम जनता के लिए राहत लेकर आई है। इस बार तेल से लेकर आटा, मैदा, रवा सहित अन्य खाद्य पदार्थों के भाव में तेजी नहीं आई है। व्यापारियों का कहना है कि कई सालों बाद त्योहार के दौरान खाद्य पदार्थों के भाव में मांग कम होने के कारण इतनी नरमी आई है।
पहले प्रमुख त्योहार आने के 15 दिन पहले से ही आटा, रवा, तेल, मैदा, शक्कर और घी सहित अन्य खाद्य पदार्थो के भाव में तेजी आ जाती थी, लेकिन इस साल नरमी आने से आम जनता को बड़ी राहत मिली है। तेल के कारोबारियों की माने तो कम से कम छह माह और मंदी रहेगी।
40 दिन पहले तक आटा 30 से 35 रुपए किलो बिक रहा था, अब 25 से 28 रुपए किलो हो गया है। मैदा, शकर, रवा, साबूदाना सहित अन्य खाद्य पदार्थों के भाव में भी 5 से 10 रुपए प्रति किलो की मंदी आई है। तेल के भाव में तो 50 दिन से लगातार गिरावट आ रही है। जो तेल डेढ़ माह पहले 135 से 138 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था, उसके भाव 20 से 22 रुपए प्रति लीटर कम हुए हैं। सरसों, सोयाबीन और मूंगफली तेल के भाव में भी मंदी है। हालांकि सनफ्लॉवर तेल में मामूली गिरावट आई है।
उत्पादन के चलते भाव कम
इस साल सोयाबीन का उत्पादन ज्यादा हुआ है, इसलिए सोयाबीन के तेल के भाव में निरंतर कमी होती जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि तेल के भाव का कुछ कहा नहीं जा सकता है। रोज ही भाव खुलता है, इसलिए डिमांड के अनुसार भाव फाइनल होता है। भाव में नरमी होने से छोटे व्यापारी से लेकर बड़े व्यापारी भी तेल का स्टॉक करने से बच रहे हैं। आगामी दिनों में तेल के भाव में तेजी आने के आसार है। त्योहारों के दौरान खाद्य पदार्थों में हुई मंदी का एक प्रमुख कारण फुटकर बाजारों में मांग की कमी तो है ही, साथ ही उत्पादन में भी बढ़ोतरी है। अभी गेहूं का सीजन चल रहा है इसलिए उत्पादन ज्यादा होने से आटा, मैदा, रवा में तो मंदी है ही, शक्कर, गुड़, नारियल, साबुदाना सहित अन्य खाद्य पदार्थों की आवक बढऩे से भाव में नरमी बनी हुई है।
तुअर में तेजी, खड़ी दाल के दाम कम
चावल, दाल से लेकर खड़ी दालों के भाव भी पिछले 30 दिनों से स्थिर हैं। हालांकि तुअर दाल के भाव में जरुर तेजी है। चना, मसूर, मुंग, उड़द सहित अन्य खड़ी दालों के भाव स्थिर हैं। व्यापारियों का कहना है कि आगामी माह में चावल के भाव में जहां तेजी आ सकती है, वहीं दालों के भाव में मंदी आने के आसार है। मसूर दाल से लेकर मोठ, राजमा सहित अन्य के भाव में जरूर 2 से 3 प्रति किलो की तेजी आई है। मक्का, ज्वार और बाजरा के आटा के भाव में उतार-चढ़ाव जारी है। तुअर दाल के भाव पहले भी तेज ही थे और इस बार भी अंतर नहीं आया है। इस कारण इसमें राहत नहीं है।
40% कम हुए है दाम
तेल के थोक कारोबारियों के अनुसार हर प्रकार के तेल के दाम में गिरावट करीब 30 से 40 प्रतिशत तक की आई है। इसकी एक बड़ी वजह विश्व के बाजारों में मंदी बताई जा रही है।
तेल दाम प्रति किलो
सोयाबीन 112-115 ₹
सनफ्लावर 115 - 120₹
सरसो 120 - 125 ₹
पॉम 100 - 105₹
मुंगफली 180 - 190₹
फिलहाल दाम स्थिर
दुनिया के बाजारों में मंदी का असर तेल सहित अन्य खाद्य प्रदार्थ के दाम पर पड़ा है। सिर्फ तेल ही बात करें तो 4 माह से दाम में लगातार गिरावट चल रही है। कम से कम छह माह और मंदी रह सकती है।
- जगदीश मंत्री, तेल के थोक कारोबारी