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मानसून के पहले ही शुरू हो जाएगी भारी बारीश

मानसून आने के पहले की गर्मी की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ मानसून किस तरह का होगा, इसको लेकर कयास के दौर शुरू हो गए है। इस बार मानसून के पहले ही अनेक मध्यप्रदेश सहित अनेक राज्यों में भारी बारीश हो जाएगाी।

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रतलाम. मानसून आने के पहले की गर्मी की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ मानसून किस तरह का होगा, इसको लेकर कयास के दौर शुरू हो गए है। इस बार मानसून के पहले ही अनेक मध्यप्रदेश सहित अनेक राज्यों में भारी बारीश हो जाएगाी। यह बात रतलाम के प्रयिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी व मंदसौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी ऋषिराज व्यास उड़ीसा से ज्योतिर्विद्या प्राप्त प्रफुल्ल कुमार दास ने कही। इनके अनुसार मानसून के पूर्व ही बारीश की शुरुआत हो जाएगी।

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शनिदेव की वक्रगति बृहस्पति वक्रचार। गोचर गणना ग्रह-गणित सुखद नहीं संचार।।
सर्वत्र-तपे जो रोहिणी सर्वत्र-तपे जो मूल। प्रतिपदा तपे जो ज्येष्ठ की उपजे धान्य समूल।।


11 मई को सुबह 9.40 बजे शनि मकर राशि में वक्री होगी, जबकि बृहस्पति रात को 8.03 बजे वक्री होगा। गुरु व शनि के मकर राशि में होने के दौरान शनि जलनाड़ी व गुरु नीरानाड़ी में होने के चलते 24 मई से मौसम में बदलाव होगा। इस दौरान राहु च केतु दहना नाड़ी में रहेंगे। 25 मई से रात 4.42 बजे से सूर्यदेच का रोहिणी नक्षण में प्रवेश होगा। इससे 2 जून तक नवतपा का समय रहेगा।

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शुक्र होंगे अस्त
इस बीच 30 मई को सुबह 11.58 बजे वृषभ राशि मंे शुक्र पश्चिम दिशा में अस्त होंगे। यह 8 जून को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर पूर्व दिशा में उदय होंगे। उपरोक्त विवेचन अनुसार पक्ष मे अधिकांश ग्रहों का संचार वर्षा कारक शुभ नाडिय़ों में होने से 8 मई से 22 मई तक व सूर्य, बुध, शुक्र की युति होने से 9 मई से 22 मई तक उत्तर व दक्षिण भारत के राज्यों में बादल, गर्जना, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, बादल फटने की घटनाएं होगी। 23 मई से 5 जून तक देश के कई राज्यों में कही तेज तो कही सामान्य बारीश की शुरुआत हो जाएगी। 24 मई से 30 जून तक हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित दक्षिण भारत में ओलावृष्टि होगी। इस दौरान दक्षिण पश्चिम के भारत में जन व धन की हानी होगी। कुछ राज्यों में सत्ता का परिवर्तन का योग बन रहा है।

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भूकंप के झटके आएंगे

इस बीच बन रहे आकाशीय योग के चलते दिल्ली, जम्मूकश्मीर, नेपाल, हिमाचलप्रदेश में बिजली गिरने के साथ साथ पर्वतीय समुद्री तटवर्तीय क्षेत्र जो भारत के करीब के देश है, वहां पर भूकंप के झटके आएंगे। इसके अलावा ज्वालामुखी सहित यातायात रुकने जैसी घटनाएं होगी। इस दौरान आर्थिक, प्राकृतिक, राजनीतिक सहित सामाजिक प्रमुख घटनाक्रम होंगे।

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इन दस पदाधिकारी को जाने पहले
विक्रम संवत 2077 आकाशीय कौंसल के दस पदाधिकारी निम्न है।
- राजा राष्ट्रपति- राष्ट्राध्यक्ष - बुध।
- मंत्री प्रधानमंत्री - शासनाध्यक्ष चंद्र।
- सस्येश वर्षा ऋतु की फसलों का स्वामी- बृहस्पति।
- धान्येश शीतकालीन फसलों का स्वामी - मंगल।
- मेघेश मौसम विभाग वर्षा आदि का स्वामी - सूर्य।
- रसेश रसकस का स्वामी गुड़, शक्कर आदि - शनि।
- नीरसेश व्यापार-व्यवसाय का स्वामी सर्वविधि धातु आदि - बृहस्पति।
- धनेश वित्तमंत्री धन-दौलत एवं खजाने का स्वामी - बुध ।
- दुर्गेश गृह एवं रक्षामंत्री - सेनानायक सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा का स्वामी - सूर्य।
- फलेश फल फूल आदि का स्वामी - सूर्य।

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