रतलाम

रतलाम में आचार्यश्री विजयराज महाराज की निश्रा में दीक्षा का आज्ञापत्र, गूंजा केसरिया-केसरिया

रतलाम। आचार्य प्रवरश्री विजयराज की निश्रा में अभ्युदय चातुर्मास के दौरान दीक्षा की प्रतिज्ञा और आज्ञा के पत्र सौंपने का प्रसंग आया। शनिवार को छोटू भाई की बगीची में जैसे ही मुमुक्षु के परिजनों ने आज्ञा पत्र सौंपा, वैसे ही पूरा परिसर केसरिया-केसरिया से गूंज उठा। इससे पूर्व गंगा शहर बीकानेर की मुमुक्षु मधु भूरा ने प्रतिज्ञा पत्र भेंट किया।

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Oct 07, 2023
patrika news

श्री हुक्म गच्छीय साधु मार्गी जैन श्रावक संघ ने मुमुक्षु के वीर माता-पिता का बहुमान किया। उपस्थितजनों ने जय-जयकार कर प्रतिज्ञा और आज्ञा पत्र की अनुमोदना की। मुमुक्षु की और से उनके पिता माणकचंद भूरा, माता उषादेवी भूरा, बहन पूजा एवं भाई नवीन भूरा ने आचार्यश्री ने आचार्यश्री को आज्ञा पत्र भेंट किया। इससे पूर्व इसका वाचन किया गया।

श्रावक-श्राविकाओं ने जयकारे लगाए
श्री संघ की और से अध्यक्ष मोहनलाल पिरोदिया, मंत्री दिलीप मूणत, जवेरीलाल बोहरा, मोतीलाल पिरोदिया, धीरेन्द्र मेहता, शांतिलाल रांका, राजकुमारी पिरोदिया, पुखराज पितलिया, सुशीला रांका, शकुंतला पिरोदिया सहित युवा संघ एवं बहु मंडल ने मुमुक्षु के परिजनों का बहुमान किया। मंजु भंडारी ने स्तवन प्रस्तुत किया। श्रावक-श्राविकाओं ने जयकारे लगाए। इससे पूरा परिसर केसरिया-केसरिया की गूंज में रम गया।

दृष्टि बदलते ही सृष्टि बदल जाती
आचार्य श्री ने इस मौके पर कहा कि जिसके पास जीवन का सौंदर्य होता है, उसे शरीर का सौंदर्य नहीं लुभाता है। शरीर का , पदार्थों का, पद का प्रतिष्ठा का सौंदर्य ये सभी संसार के सौंदर्य उसे ही लुभाते है, जिसके पास जीवन का सौंदर्य नहीं होता। इस सौंदर्य के अनुभव के लिए दृष्टि बदलने की जरूरत होती है और दृष्टि बदलते ही सृष्टि बदल जाती है।

बार-बार अनुमोदनीय
उन्होंने कहा कि जीवन के सौंदर्य को पहचानने का मार्ग कांटों भरा होता है, इस पर शूरवीर ही चल पाते है। एक बार जो जीवन का सौंदर्य पा लेता है, वह कभी संसार के चक्कर में नहीं पडता। गुरु प्रेरणा दे सकते है, प्रकाश दे सकते है, पथ दिखला सकते है, लेकिन चलना तो हमें ही पड़ता है। मुमुक्ष मधु ने संयम धारण करने को जो निर्णय लिया है, वह बार-बार अनुमोदनीय है। शुरुआत में उपाध्याय प्रवर जितेशमुनि महाराज ने गुरु महिमा का गुणगान किया। महासती इन्दुप्रभाश्री ने 19 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। इस दौरान बडी संख्या में श्रावक-श्राविकागण उपस्थित रहे।

Published on:
07 Oct 2023 10:56 pm
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