किसी को अपने हनी से तो किसी को बेबी से करनी होती है बात, रेल अधिकारी करते हैं मदद
रतलाम। अब इसे आप सुविधा कहें या सुविधाओं का दुरुपयोग...लेकिन हकीकत है कि रेलवे को ट्वीट कर यात्री अजीब-अजीब डिमांड करते हैं। चलती ट्रेन में कोई हनी से तो कोई बेबी से बात कराने के लिए मदद मांगता है। यहां अच्छी बात यह है कि रेल अधिकारी उनकी इस डिमांड को पूरा भी करते हैं। इनमें डिब्बे से लेकर शौचालय में गंदगी, एसी की समस्या, खराब मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, कमजोर दरवाजा आदि को लेकर भी शिकायतें की जाती हैं।
इस साल 1500 लोगों ने मांगी मदद
रेल यात्रा के दौरान यात्रियों को कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। ऐसे में यात्री रेलवे को ट्वीट करते हैं या रेल मदद एपलीकेशन पर अपनी समस्याएं बताते हैं। इस साल 1500 से अधिक यात्रियों ने मदद मांगी है।
ये हैं इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
-जून में मुंबई सेंट्रल-अमृतसर गोल्डन टेंपल मेल में महिला यात्री बच्चों के साथ यात्रा कर रही थी। उनके मोबाइल की बैट्री समाप्त होने पर सूरत में बैठे पति उनसे बात नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में ट्वीट कर मदद मांगी। इस पर उनकी बात करवाई गई।
-अप्रेल में इंदौर से पटना जा रही एक युवती से बात करने रेल मदद ऐप पर युवक ने मदद मांगी। उसने लिखा कि मुझे बेबी की याद आ रही है, मदद किजीए, बात नहीं हो पा रही। तब टीटीई ने युवती को युवक के बारे में जानकारी दी और बात कराने में मदद की।
रजनीश कुमार, रेल मंडल प्रबंधक का कहना है कि ट्विटर व रेल मदद ऐप से यात्रियों की शिकायत पर सिर्फ मदद ही नहीं की जाती, बल्कि कई बार इससे अच्छे सुझाव भी मिल जाते हैं। इन पर हम गंभीरता से काम करते हैं।