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कुछ पल के ‘ध्यान’ से जीवन में फायदें

रतलाम. जीवन में कुछ पल तो ध्यान करना चाहिए, इसके इतने फायदे है कि तनाव-नकारात्मकता को समाप्त कर, व्यक्ति के अंदर विवेक और संतुलन विकसित करता हैं। यह बात विश्व ध्यान दिवस पर डिप्टी कलेक्टर राधा महंत ने कही। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कुछ पल का ध्यान पूरे दिन की नकारात्मकता को समाप्त कर सकता […]

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World Meditation Day News

बीके आरती दीदी ने कहा कि आज का मानव बाहरी उपलब्धियों में उलझकर अपनी आंतरिक शांति को भूल गया है। राजयोग ध्यान आत्मा को परमात्मा से जोडकऱ जीवन में स्थिरता और पवित्रता लाता है।

रतलाम. जीवन में कुछ पल तो ध्यान करना चाहिए, इसके इतने फायदे है कि तनाव-नकारात्मकता को समाप्त कर, व्यक्ति के अंदर विवेक और संतुलन विकसित करता हैं। यह बात विश्व ध्यान दिवस पर डिप्टी कलेक्टर राधा महंत ने कही। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कुछ पल का ध्यान पूरे दिन की नकारात्मकता को समाप्त कर सकता है। आज के तनावपूर्ण प्रशासनिक एवं सामाजिक जीवन में ध्यान व्यक्ति के भीतर धैर्य, विवेक और संतुलन विकसित करता है, जिससे कार्यक्षमता और निर्णय क्षमता बढ़ती है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय रतलाम के दिव्य दर्शन भवन सेवाकेंद्र पर 21 दिसंबर विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर एक गरिमामय, प्रेरणादायी एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य राजयोग ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति, आत्मिक सशक्तिकरण एवं सकारात्मक जीवन मूल्यों का प्रसार करना रहा।

एकाग्रता, अनुशासन एवं नैतिक मूल्यों का होता विकास
शिक्षिका विनीता ओझा ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा के साथ-साथ ध्यान आवश्यक है। ध्यान से बच्चों में एकाग्रता, अनुशासन एवं नैतिक मूल्यों का विकास होता है। सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि राजयोग ध्यान आत्मा और परमात्मा के मिलन का सहज मार्ग है। नियमित ध्यान से व्यक्ति अपने संस्कारों में सकारात्मक परिवर्तन लाकर जीवन को श्रेष्ठ बना सकता है।

ध्यान की शक्ति को अनुभव किया
अपूर्वा सिंह ने कहा कि कानूनी एवं न्यायिक क्षेत्र में मानसिक शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। राजयोग ध्यान व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाता है और कठिन परिस्थितियों में भी सही निर्णय लेने की शक्ति देता है। रमेशचंद्र बोरिया ने कहा कि व्यस्त और दबावपूर्ण बैंकिंग सेवा के दौरान उन्होंने ध्यान की शक्ति को अनुभव किया है। ध्यान मन को स्थिर कर जीवन में संतुलन बनाए रखता है। डॉ. दिलीप नलगे ने कहा कि आयुर्वेद और ध्यान दोनों ही जीवन को संतुलित रखने की वैज्ञानिक एवं प्राचीन पद्धतियां हैं। इसके पश्चात उन्होंने भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर सभी के मन को शांत और भावविभोर कर दिया।

उपस्थितजनों को कराया राजयोग ध्यान
बीके आरती दीदी ने कहा कि आज का मानव बाहरी उपलब्धियों में उलझकर अपनी आंतरिक शांति को भूल गया है। राजयोग ध्यान आत्मा को परमात्मा से जोडकऱ जीवन में स्थिरता और पवित्रता लाता है। अंत में बीके गीता दीदी ने सभी उपस्थितजनों को राजयोग ध्यान कराया। उनके शांत एवं प्रभावशाली मार्गदर्शन में सभी ने गहन शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया। इसके पश्चात बच्चों द्वारा क्रिसमस के आध्यात्मिक रहस्य को दर्शाती नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें प्रेम, शांति, पवित्रता और सेवा का संदेश प्रभावशाली ढंग से दिया गया। कार्यक्रम में अनेक नागरिकों, साधकों एवं ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति रही।