
रतलाम. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभिन्न मंचों से प्रदेश में सुशासन लाने की बात कह रहे हैं लेकिन प्रदेश के जिम्मेदार अफसर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। भ्रष्टाचार की दीमक सिस्टम में कुछ इस कदर लग चुकी है कि लगभग रोजाना प्रदेश में किसी न किसी अधिकारी या कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया जा रहा है। ताजा मामला रतलाम की जावरा तहसील का है।
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CMO और PWD का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार
रतलाम जिले की जावरा तहसील की नगर पालिका सीएमओ नीता जैन और PWD के बाबू विजय सिंह शेखावत को लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 18 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोर सीएमओ और बाबू ने ये रिश्वत जावरा के ही रहने वाले ठेकेदार पवन भावसार से रिश्वत की डिमांड की थी। ठेकेदार पवन भावसार ने जावरा नगर पालिका के अंतर्गत कुछ निर्माण कार्यों का काम कराया था जिसके पेंडिंग बिलों के भुगतान के एवज में उससे सीएमओ और बाबू ने रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ठेकेदार ने मामले की शिकायत उज्जैन लोकायुक्त से की थी और जब लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की तो सही पाए जाने पर जाल बिछाकर रिश्वतखोर सीएमओ और बाबू को रंगेहाथों गिरफ्तार किया।
सोसायटी प्रबंधक निकला था करोड़पति
बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही 5 मार्च को भी उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने आगर मालवा जिले के नलखेड़ा विकासखंड के ग्राम दमदम में स्थित सहकारी सोसायटी के प्रभारी प्रबंधक रमेशचंद्र जायसवाल के घर पर भी छापामार कार्रवाई की थी और तब प्रबंधक रमेशचंद्र जायसवाल के करोड़पति होने का खुलासा किया था। साल 1999 में महज 360 रूपए प्रतिमाह वेतन पर सहकारी सोसायटी में सेल्समैन के रूप में पदस्थ हुए जायसवाल को वर्तमान में करीब 20 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। जबकि इन 22 सालों में जायसवाल की संपत्ति वेतन से करीब 100 गुना ज्यादा होने का खुलासा लोकायुक्त की छापेमारी के बाद हुआ था।
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Published on:
12 Mar 2021 03:43 pm
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