
maa bete ki kahani hindi me
रतलाम। बेटा हो या बेटी, मां के लिए आंख का तारा होते है। बच्चे भी अपनी मां को लिए सबकुछ कर देते है। करें भी क्यों न, आखिर मां उनको नौ माह तक पेट में जो पालती है। लेकिन मामला कलयुग का है। अब धन के आगे रिश्ते बोने हो रहे है। एेसे में लोग मां-बाप के भी सगे नहीं हो रहे है। ये मामला कुछ एेसा ही है। जहां बेटे ने मां के साथ जो किया, वो पढ़कर कई बार आपकी आंखे गिली हो जाएगी। आप जमकर रो देंगे। ये बेटे और किसी शहर के नहीं, धर्मनगरी उज्जैन के है।
ट्रेन में रोती हुई 80 वर्षीय वृद्धा को रतलाम के चार युवकों ने सीनियर सीटिजन पुलिस पंचायत पहुंचाकर मदद की। वृद्धा ने पूछताछ में बताया कि बेटा उसे रामदेव के मेले में छोड़कर निकल गया। उसकी बहू भी मारपीट करती है। जिसके बाद पंचायत ने भैरूगढ़ थाना प्रभारी को पूरे मामले की जानकारी देकर उनके बेटे को भरण-पोषण के लिए बाउंड करने की बात कर वृद्धा की सहायता की है।
भगवान के दर छोड़ गया कलयुगी ओलाद
सीनियर सीटिजन पुलिस पंचायत की कॉर्डिनेटर शबाना खान ने बताया कि सातरुडा निवासीद किशोर टांक सहित चार युवक उसके पास एक 80 वर्षीय वृद्धा को लेकर आए थे। जो कि रो रही थी। उसका कहना था कि उसका बेटा उसे रामदेवरा छोड़कर चला गया था। उसे वहां से कुछ लोगों ने ट्रेन में बैठाया था। उसे पता नहीं वह कहां जा रही थी। उसके रोने पर कुछ युवकों ने मदद की। वृद्धा ने स्वयं का नाम कस्तूरी बाई बताया है। वह जिला उज्जैन के भैरूगढ़ में गांव गुनिया की निवासी है।
चार बेटों की है वो मां
उसके चार बेटे विनोद, प्रहलाद, कृष्णा और गणेश है। उसके पास 50 बीद्या जमीन थी। जिसका बेटों ने बंटवारा कर लिया है। वह पेंशन पर ही आधारित है। जिसे भी बेटा गणेश और बहूं ले लेती है। उसके साथ मारपीट करते हैं। बेटा गणेश उसे रामदेवरा लेकर आया था। वहीं छोड़कर चला गया। पंचायत ने उज्जैन डीएसपी भूपेंद्र सिंह से संपर्क किया। जिन्होंने भैरूगढ़ थाना प्रभारी रतन सिंह को वृद्धा के घर पहुंचाने और बेटों को दोबारा से प्रताडि़त नहीं करने की हिदायत व कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए हैं।
Published on:
29 Aug 2018 10:32 am
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